नयी दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान कल चक्का जाम करने जा रहे हैं। किसान यूनियनों का कहना है कि यह 'चक्का जाम' देशव्यापी होगा। इसे देखते हुए दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। पुलिस ने कहा कि सुरक्षा चाक चौबंद करने के क्रम में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है और बहुस्तरीय अवरोधक, कंटीले तार तथा सड़कों पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं। दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने बल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की और सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की।
अधिकारियों ने बताया कि बल के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए पुलिस सोशल मीडिया संबंधी सामग्री की निगरानी भी करेगी। किसान संगठनों ने सोमवार को घोषणा की थी कि प्रदर्शन स्थलों के आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद करने, अधिकारियों द्वारा किसानों का कथित उत्पीड़न किए जाने के खिलाफ तथा अन्य मुद्दों को लेकर वे देशभर में छह फरवरी को तीन घंटे के लिए चक्का जाम करेंगे जिसमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध किया जाएगा।
प्रस्तावित चक्का जाम के मद्देनजर सुरक्षा प्रबंधों के बारे में दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर पर्याप्त बंदोबस्त किए हैं जिससे कि शरारती तत्व राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश न कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘हम सोशल मीडिया संबंधी सामग्री पर नजर रख रहे हैं जिससे कि पुलिस के खिलाफ अफवाह न फैलाई जा सके। हम अन्य राज्यों के पुलिस बलों के संपर्क में भी हैं।’’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चक्का जाम के दौरान कानून व्यवस्था में खलल डालने या जनजीवन को प्रभावित करने वाली किसी भी स्थिति को रोकने के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस के समूचे बाहरी-उत्तरी दिल्ली जिले में पर्याप्त बल तैनात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल सिंघू बॉर्डर पर व्यापक सुरक्षा इंतजाम हैं, लेकिन शनिवार के लिए हम इसे और मजबूत कर रहे हैं।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम सावधानी के तौर पर दिल्ली के समूचे बाहरी-उत्तरी जिले में सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर बलों की तैनाती कर रहे हैं, जिससे कि यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो पाए, और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कि कानून व्यवस्था में कोई खलल न पड़े और नियमों का उल्लंघन कर कोई अनधिकृत चक्का जाम न हो।’’
दिल्ली पुलिस के पूर्वी जिले से एक अन्य अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सावधानी के तौर पर गाजीपुर बॉर्डर पर अवरोधकों के पीछे सड़कों पर लोहे की नुकीली कीलों का स्थान बदला गया है। पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) दीपक यादव ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी किसानों के अनुसार, वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी सावधानी के तौर पर हमने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं। जिले में सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं और स्थलों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी सीमा बिन्दुओं पर अतिरिक्त चौकी होंगी। चौकियों और सीमाओं के सभी प्रवेश और निकास बिन्दुओं पर वाहनों की सघन जांच होगी। अतिरिक्त बस पहले ही लगाई जा चुकी हैं और शहर में चौकियों पर अतिरिक्त अवरोधक लगाए जा रहे हैं।’’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 12 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। सरकार ने डेढ़ साल के लिए कानूनों को टालने का प्रस्ताव दिया था मगर किसान नेता कानूनों को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसपर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार नये कृषि कानूनों में किसी भी संशोधन को तैयार है। इसके ये मायने नहीं है कि कानून में किसी भी प्रकार की गलती है।
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