नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली, मिलावटी दवाई बनाने वाले बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। ये दवाइयां मेड इन बांगलादेश होती थीं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को फरीदाबाद, करनाल, हरियाणा में इनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर रेड्स करके 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस इंटरस्टेट गैंग में फार्मेसिस्ट, वकील और दूसरे आरोपी मिलकर काम करते थे। कैंसर पीड़ित लोगों को ठीक करने का वादा करके उन्हें कैंसर की नकली दवाइयां बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे।
ड्रग्स बनाने की मशीन बरामद
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 141 पैकेट palbocent 125mg, lenvanix 10, osicent 80mg, crizocent 250mg, ibrucent 140, खाली कार्टून्स आदि बरामद किया गया है। साथ ही प्रिंटिंग मशीन बरामद की गई है जिसके जरिए एक्सपायरी और बैच नंबर डाला जाता था। ड्रग्स बनाने की भी मशीन बरामद की गई है।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने कसा शिकंजा
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज की टीम के इंसेक्टर पंकज अरोड़ा की टीम ने मिलावटी नकली ड्रग्स की दवाई बनाने और बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश करके 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। खुफिया जानकारी के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने जसोला इलाके दिल्ली में दो लोगों को जो स्कूटी पर सवार थे उन्हें रोका इनके पास से दवाइयों का कार्टून था, इनके अलावा एक और शख्स पैदल मिला जिसके पास एक लाल रंग का बैग था जिसे स्कूटी सवार लोगों ने बुलाया था। इन तीनों के नाम सद्दाम हुसैन राजा अंसारी, सोनू चौधरी, सुरेश चौधरी है और इनसे पूछताछ शुरू की गई।
मैन्युफैक्चरिंग मशीनें करनाल से बरामद की गईं
ड्रग कंट्रोलर विभाग के ऑफिसर्स को बुलाया गया, इनके पास से 141 दवाई के डब्बे मिलावटी और नकली बरकन्द की गई जो बांग्लादेश फार्मा कंपनी द्वारा बनाई गई थी। इनके पास से कोई वैध दवा लाइसेंस नहीं मिला। क्राइम ब्रांच ने आइपीसी 420,274,275,34,120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की साथ ही ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 18/27 भी दर्ज किया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही पर एक और आरोपी अमित दुआ को गिरफ्तार किया गया। इन सभी ने मिलावटी दवाइयां बनाने और सप्लाई करने की बात कबूली और अमित के यहां से मैन्युफैक्चरिंग मशीनें करनाल से बरामद की गईं।
जांच में सामने आया कि भारत की कैंसर की दवाइयों के मुकाबले बांग्लादेश की कैंसर दवाइयां सस्ती होती हैं। इस जानकारी के आधार पर आरोपियों ने नकली, मिलावटी बांग्लादेश मेड बनानी और सप्लाई करनी शुरू की। मौजूदा गैंग पैन इंडिया लेवल पर काम कर रहा था। क्राइम ब्रांच इन आरोपियों की निशानदेही पर देश के कई हिस्सों में रेड्स कर रही है।