नई दिल्ली: दिल्ली सेवा बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के सासंद राघव चड्ढा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। संसद की विशेषाधिकार समिति ने राघव चड्ढा को नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अगर ये फर्जीवाड़ा राज्यसभा चेयर की जांच में सही पाया गया दो राघव चड्ढा के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई जा सकती है। वहीं, आज राघव चड्ढा समिति को अपना जवाब सौंप सकते हैं लेकिन उससे पहले वह सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं। राघव चड्ढा का दावा है कि वो बीजेपी के झूठ का खुलासा करेंगे।
AAP का आरोप, सदस्यता खत्म करना चाहती है सरकार
बता दें कि राघव चड्ढा पर दिल्ली सेवा बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के लिए सांसदों के फर्जी साइन करने का आरोप है। आरोप यह है कि राघव की ओर से दिल्ली सेवा बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले प्रस्ताव में सस्मित पात्रा, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी व नगालैंड के राज्यसभा सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम शामिल किया गया। जबकि इनमें से कुछ सांसदों ने सोमवार रात सदन की कार्रवाई के दौरान बताया कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर ही नहीं किए हैं। राघव चड्ढा की हरकत पर सरकार और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं। वहीं आप नेता संजय सिंह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार राघव चड्ढा की सदस्यता खत्म करना चाहती है। वहीं आज इस मुद्दे पर सुबह 10 बजे राघव चड्ढा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं।
'मैं बीजेपी के नापाक मंसूबों का पर्दाफाश करूंगा'
राघव चड्ढा खुद पर लगे आरोपों को झूठा बता रहे हैं। उनका कहना है कि बीजेपी उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा कर रही है। मैं बीजेपी के नापाक मंसूबों का पर्दाफाश करूंगा। लेकिन उन पर जो आरोप लगे हैं वो बेहद गंभीर हैं। दिल्ली सेवा बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले उनके प्रस्ताव में सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सस्मित पात्रा, नगालैंड के सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम था। उनमें से किसी सांसद से इस बारे में पूछा तक नहीं गया। अगर विशेषाधिकार समिति की जांच में राघव चड्ढा 5 सांसदों के नाम गलत तरीके से इस्तेमाल करने के दोषी जाते हैं तो उनकी सांसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश विशेषाधिकार समिति कर सकती है।
सोमवार रात राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान ही थंबीदुरई, सस्मित पात्रा और फांगनोन कोन्याक ने सदन में कहा था कि ''हमने कोई भी मोशन मूव नहीं किया, न ही साइन किया है।'' अन्नाद्रमुक सांसद एम. थंबीदुरई का कहना है कि उन्होंने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र दिया है कि प्रस्ताव में उनका नाम कैसे शामिल किया गया। थंबीदुरई ने उनके जाली हस्ताक्षर किए जाने की आशंका जताई थी। कुछ ऐसा ही बीजू जनता दल के सांसद डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा था। उन्होंने कहा था, ''राघव चड्ढा की ओर से पेश किए गए एक प्रस्ताव में मेरे नाम का उल्लेख किया गया था। मेरी सहमति के बिना मेरा नाम प्रस्ताव में नहीं डाला जा सकता।''
संसद में धोखाधड़ी हो रही है- शाह
वहीं, राज्यसभा के भीतर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने इस विषय पर उपसभापति से उचित कार्रवाई करने की मांग की थी। शाह ने कहा कि दो सदस्यों, बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा और भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि उन्होंने राघव चड्ढा की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। शाह ने कहा कि ऐसी स्थिति में इस बात की जांच होनी चाहिए कि उनके हस्ताक्षर किसने किए। अमित शाह ने कहा कि जब इन सांसदों ने हस्ताक्षर ही नहीं किए तो हस्ताक्षर किसने किए। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि संसद में भी धोखाधड़ी हो रही है इसकी जांच होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें-