Delhi News: दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। इस कारण निचले इलाकों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। हथिनी कुंड बैराज से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा है। बताया जा रहा है कि यह बढ़ता जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी 204.5 मीटर के साथ चेतावनी स्तर के करीब बह रही है। शनिवार सुबह तक नदी के 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जानिए कब दी जाती है बाढ़ की चेतावनी
जब यमुना चेतावनी के स्तर के ऊपर बहती है तो बाढ़ की स्थिति या चेतावनी घोषित की जाती है। इसी के साथ डूब क्षेत्र और बाढ़ संभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है। निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 34 नावों और सचल पंपों को तैनात किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बुधवार को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई। प्रशासन स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है क्योंकि क्षेत्र में और बारिश होने की संभावना है।
शनिवार सुबह तक खतरे का निशान पार कर सकता है जलस्तर
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, पुराने रेलवे पुल पर सुबह आठ बजे जलस्तर 203.86 मीटर था। गुरुवार सुबह आठ बजे यह 204.29 मीटर दर्ज किया गया था। एक अधिकारी ने कहा, 'यमुना में जल के और अधिक बढ़ने की संभावना है और शनिवार सुबह तक जल स्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है।' बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजे हरियाणा के यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से करीब 2.21 लाख क्यूसेक और मध्य रात्रि 12 बजे करीब 1.55 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी।