Highlights
- एजेंसियों के क्षेत्राधिकार के मामले में लोगों के बीच भ्रम की स्थिति: सिसोदिया
- जल जमाव के लिए दिल्ली में PWD को जिम्मेदार बताया जाना चाहिए: बीजेपी
- 'छोटे नालों से बरसाती पानी बड़े नालों में जाते हैं, जिसका प्रबंधन PWD के पास'
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में जल जमाव के मसले पर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सोमवार को वाकयुद्ध हुआ। आम आदमी पार्टी ने इसके लिए जहां बीजेपी को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि एमसीडी नालों की सफाई नहीं करवा रही है। वहीं, विपक्षी दल ने कहा कि लोक निर्माण विभाग सत्तारूढ़ दल के पास है। बता दें कि दिल्ली में नगर निगम में बीजेपी काबिज है, वहीं लोक निर्माण विभाग (PDW) दिल्ली सरकार की एजेंसी है।
इस मसले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए- सिसोदिया
दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन चर्चा के दौरान उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शहर में जल जमाव के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इस मसले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर के नालों की करीब दो हजार किलोमीटर की लंबाई पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आती है और शेष हिस्से का देख-रेख एमसीडी और अन्य एजेंसियों के पास है।
इस सदन में पीडब्ल्यूडी और एमसीडी को सही नहीं ठहरा सकते- सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा, "एजेंसियों के क्षेत्राधिकार के मामले में लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है। हम इस सदन में पीडब्ल्यूडी और एमसीडी को सही नहीं ठहरा सकते। अगर कोई एजेंसी नालों की सफाई किए बगैर इसे साफ करने का दावा करती है, तो यह एक अपराध है। अगर मुझे पता चलता है कि किसी पीडब्ल्यूडी नाले के मामले में ऐसा हुआ है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
'निगमों के एकीकरण के बाद एमसीडी में बेहद खराब व्यवस्था आ गई है'
उन्होंने कहा कि तीन नगर निगमों के एकीकरण के बाद एमसीडी में बेहद खराब व्यवस्था आ गई है। ऋतुराज गोविंद, कुलदीप कुमार, संजीव झा, राखी बिड़ला समेत आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भी जल जमाव की समस्या पर एमसीडी को दोषी करार दिया। विधायकों ने आरोप लगाया कि एमसीडी ने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले नालों की सफाई उचित तरीके से नहीं की है और इसके परिणामस्वरूप जल जमाव हुआ है।
सभी बड़े नालों के रख-रखाव के लिए पीडब्ल्यूडी जिम्मेदार- जीतेंद्र महाजन
आम आदमी पार्टी के विधायकों के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी विधायक जीतेंद्र महाजन ने कहा कि जल जमाव के लिए दिल्ली में पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदार बताया जाना चाहिए, क्योंकि सभी बड़े नालों के रख-रखाव के लिए यही जिम्मेदार है, लेकिन एजेंसी ने इन्हें साफ नहीं करवाया।
'सिर्फ पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर ही जल जमाव की समस्या क्यों होती है'
बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने कहा, "केवल पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर ही जल जमाव की समस्या क्यों होती है। छोटे नालों से होकर बरसाती पानी बड़े नालों में जाते हैं, जिनका प्रबंधन पीडब्ल्यूडी के पास है और जो जाम हैं। इसी के परिणामस्वरूप पानी सड़कों पर और अंडरपास में जमा हो जाता है।"
दिल्ली में करीब 2846 नाले, 1100 नालों का रख-रखाव पीडब्ल्यूडी के जिम्मे
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में करीब 2846 नाले हैं, जिनकी लंबाई करीब 3,692 किलोमीटर है। इनमें से 1100 नालों का रख-रखाव पीडब्ल्यूडी के जिम्मे है, जिनकी लंबाई 2050 किलोमीटर है। राजधानी में गुरुवार को मॉनसून की पहली बारिश हुई थी, जिसके बाद प्रगति मैदान सुरंग, आईटीओ, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, बारापूला कोरिडोर, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे और सराय काले खां समेत विभिन्न इलाकों में जल जमाव हो गया था, जिसके कारण यातायात ठप हो गया था।