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Delhi News: मेट्रो स्टेशन पर तैनात गार्ड ने सेना की कैप्टन महिला से की थी छेड़खानी, पीड़िता को 10 साल बाद मिला इंसाफ

Delhi News: भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात महिला के साथ मेट्रो के महिला कोच के आगे सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात शख्स ने ही छेड़खानी की थी। महिला अधिकारी ने मौके पर ही आरोपी को पकड़ कर DMRC अधिकारियों की उपस्थिति में पुलिस के हवाले कर दिया था।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: August 06, 2022 7:45 IST
Molesting a woman on metro station- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Molesting a woman on metro station

Highlights

  • घटना 6 मई 2012 को केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन पर घटित हुई थी
  • मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 22 फरवरी 2016 को आरोपी को बरी कर दिया था
  • अब सत्र कोर्ट 13 अक्तूबर को आरोपी को सजा सुनाएगी

Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं के लिए मेट्रो की यात्रा बेहद सुरक्षित मानी जाती है। कहते हैं कि दिल्ली में मेट्रो से बेधड़क यात्रा कर सकती हैं और उन्हें यहां कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। लेकिन यह कथन 10 साल पहले गलत साबित हुआ। मेट्रो में एक मैला से छेड़खानी हुई और करने आरोपी कोई और नहीं वहां तैनात एक सुरक्षाकर्मी ही था और पीड़ित एक भारतीय सेना में कैप्टन पद पर तैनात एक महिला। 

मेट्रो स्टेशन पर छेड़खानी का शिकार हुई महिला को इंसाफ के लिए एक दशक तक इंतजार करना पड़ा। भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात महिला के साथ मेट्रो के महिला कोच के आगे सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात शख्स ने ही छेड़खानी की थी। महिला अधिकारी ने मौके पर ही आरोपी को पकड़ कर DMRC  अधिकारियों की उपस्थिति में पुलिस के हवाले कर दिया था। लेकिन, चार साल बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने आरोपी सिक्योरिटी गार्ड को बाइज्जत बरी कर दिया था।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कर दिया था आरोपी को बरी 

जिसके बाद भी महिला अधिकारी ने हार न मानते हुए मामले को सत्र अदालत में चुनौती दी। एक दशक बाद सत्र अदालत ने महिला के साथ हुई छेड़खानी की सत्यता पर मुहर लगाते हुए सिक्योरिटी गार्ड को दोषी करार दिया है। साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत शर्मा की अदालत ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आरोपी सिक्योरिटी गार्ड पारस नाथ को बरी करने के आदेश को रद्द कर दिया है।

Molesting a woman on metro station

Image Source : FILE PHOTO
Molesting a woman on metro station

अब सत्र कोर्ट 13 अक्तूबर को सुनाएगी सजा

अदालत ने कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने इस बात पर तो यकीन किया कि आरोपी ने खुद अदालत में कबूला कि गलती से उसका हाथ पीड़िता को लगा हो सकता है। लेकिन, पीड़िता के बयानों को संबंधित अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया, जबकि पीड़िता शिक्षित महिला है और एक उच्च पद पर आसीन है। सत्र अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस तमाम जद्दोजहद के बीच इस बात पर गौर करना जरूरी था कि पीड़ित महिला अधिकारी के पास सिक्योरिटी गार्ड को झूठे आरोप में फंसाने की कोई वजह नहीं थी। अब अदालत सुरक्षाकर्मी को 13 अक्तूबर को सजा सुनाएगी।

केंद्रीय सचिवालय स्टेशन की घटना

आपको बता दें कि यह घटना 6 मई 2012 को केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन पर घटित हुई थी। सेना में कैप्टन महिला केन्द्रीय सचिवालय से मेट्रो बदलने के लिए जैसे ही प्लेटफार्म पर आई, आरोपी ने उनसे छेड़खानी की। महिला ने तत्काल पीछे मुड़कर आरोपी को वहीं दबोच लिया। आरोपी महिला कोच के सामने ड्यूटी दे रहा सिक्योरिटी गार्ड था। पकड़े जाने पर वह महिला से बदसलूकी करने लगा। और महिला पर ही झूठे आरोप लगाने लगा।

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