Highlights
- दिल्ली नगर निगम चुनावों पर केंद्र का बड़ा फैसला
- परिसीमन के लिए गठित आयोग में तीन सदस्य होंगे
- आयोग की अध्यक्षता राज्य के चुनाव आयुक्त विजय देव करेंगे
Delhi News: दिल्ली नगर निगम के परिसीमन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा आदेश दिया है। मंत्रालय ने चुनावों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1957 की धारा 3,3A एवं 5 द्वारा निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निगम वार्डों के परिसीमन एवं उससे से जुड़े अन्य कार्यों में केंद्र सरकार की सहायता के लिए परिसीमन आयोग का गठन कर दिया है।
मंत्रालय के द्वारा गठित आयोग दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए गठित आयोग में तीन सदस्य होंगे। इस आयोग की अध्यक्षता राज्य के चुनाव आयुक्त विजय देव करेंगे। वहीं शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव पंकज कुमार सिंह और दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रणधीर सहाय इस परिसीमन आयोग के सदस्य होंगे। यह आयोग दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन से संबंधित अपनी रिपोर्ट अपने गठन से चार माह के अंदर सौंपेगा।
केंद्र सरकार ने चुनावों की घोषणा से पहले किया था विलय का ऐलान
वहीं इससे पहले 26 मार्च 2022 को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया था। विधेयक पेश करते हुए नित्यानंद राय ने कहा था कि इस विधेयक से नगर निगम दिल्ली में एकरूपता, ठोस नीति और कर्मचारियों के वेतन भुगतान जैसी समस्याओं का समाधान होगा और यह विधेयक दिल्लीवासियों के हित में है। फिलहाल दिल्ली में तीन निगमों - उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में कुल 272 सीटें हैं।
दिल्ली नगर निगम (संशोधन विधेयक) के जरिए दिल्ली के तीनों नगर निगमों का आपस में विलय करके उन्हें एक कर दिया जाएगा। विधेयक के अनुसार दिल्ली में नगर निगमों के एकीकरण के बाद उनमें सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी और जब तक विलय कानून के तहत निकाय की पहली बैठक आयोजित नहीं होती तब तक इसके कार्य की देखरेख के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक में यह भी कहा गया है कि 2011 में तत्कालीन दिल्ली नगर निगम का विभाजन क्षेत्रीय डिवीजनों और राजस्व सृजन क्षमता के मामले में 'असमान' था। 2011 में दिल्ली में तीन नगर निगमों का गठन किया गया था, तब से 2022 तक तीनों की सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है।