Delhi News: दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन की पत्नी पूनम जैन को शनिवार को यहां की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी। सत्येंद्र जैन को इस मामले में दो महीने पहले गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने जेल में बंद दिल्ली के मंत्री जैन को मामले में अंतरिम जमानत के अनुरोध वाली अर्जी वापस लेने की भी अनुमति दे दी। जैन के वकील ने यह कहते हुए अर्जी वापस लेने का अनुरोध किया कि उन्हें सूचित किया गया है कि जैन को अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। सत्तावन वर्षीय जैन को ED ने 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था। उन्हें 15 जुलाई को यहां लोकनायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
"आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका"
स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने कहा, ‘‘अर्जी पर विचार किया गया और इसे वापस लिया हुआ मानकर खारिज किया जाता है।’’ अदालत ने जैन की पत्नी पूनम जैन को अंतरिम जमानत देते हुए ED के विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा को उनकी नियमित जमानत याचिका पर 20 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। जज द्वारा पहले जारी किए गए समन के अनुसार पूनम जैन शनिवार को अदालत के सामने पेश हुईं। उन्होंने इस आधार पर अपनी जमानत याचिका दायर की कि उन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था और अब उन्हें हिरासत में लेने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है।
मामले में दो अन्य आरोपियों की अंतरिम जमानत बढ़ाई
अदालत ने मामले में दो अन्य आरोपियों - अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन - की अंतरिम जमानत भी बढ़ा दी, क्योंकि इसने उनकी नियमित जमानत याचिका पर अगली सुनवाई तक आदेश सुरक्षित रख लिया। इस मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था। अदालत ने पहले मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए कहा था कि उनकी संलिप्तता के बारे में "प्रथम दृष्टया" पर्याप्त सबूत हैं। आरोपी व्यक्तियों के अलावा, आरोप पत्र चार कंपनियों - अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसॉल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी दायर किया था।