Highlights
- हर साल होता है लाखों रुपये का भुगतान
- साइकिलों के इस्तेमाल करने के नाम पर गलत तरह से ले रहे हैं भत्ता
- पिटिशन पर 20 सितंबर को होगी सुनवाई
Delhi News: दिल्ली पुलिस के अधिकारी एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक पिटीशन में दिल्ली पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि 53,000 से ज्यादा पुलिस अधिकारी साइकिलों के इस्तेमाल करने के नाम पर गलत तरह से भत्ता ले रहे हैं। दिल्ली पुलिस को जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया गया है।
पिटीशन में इसके संबंध में जांच किए जाने का अनुरोध किया गया है कि पुलिस अधिकारी साइकिलों का इस्तेमाल करने के नाम पर यात्रा भत्ते के साथ साइकिल (रखरखाव) भत्ते का दावा कर रहे हैं जबकि वे साइकिल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
20 सितंबर को होगी सुनवाई
चीफ मजिस्ट्रेट सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील सनसेर पाल सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख तय की। सिंह ने अपनी पिटीशन में कहा कि कोई लोकसवेक जिस भत्ते का हकदार नहीं है लेकिन उसे प्राप्त कर रहा है, यह एक तरह का भ्रष्टाचार है क्योंकि भुगतान टैक्सपेयर की मेहनत की कमाई से किया जाता है।
याचिकाकर्ता आगे ने कहा कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को साइकिल के रख-रखाव के भत्ते के नाम पर 180 रुपये दिए जाते हैं और इस मद के तहत हर साल लाखों रुपये का भुगतान किया जाता है। इसकी जांच की जानी चाहिए।