Highlights
- दिल्ली में उसी को सब्सिडी मिलेगी जो इसे मांगेगा
- ये काम एक अक्टूबर से शुरू हो जाएगा
- केजरीवाल ने जारी किया नंबर, 3 दिन के अंदर कंफर्मेशन आएगा
Delhi News: दिल्ली में बिजली पर सब्सिडी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अब दिल्ली में उसी को सब्सिडी मिलेगी जो इसे मांगेगा और ये काम एक अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इस बारे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में एक चमत्कार हुआ था। दिल्ली के लोगों ने एक ईमानदार सरकार बनाई। हमने इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक किया और अब दिल्ली में 24 घंटे बिजली आती है। हमने खूब सरकारी पैसा बचाया। दिल्ली के लोगों को अब 24 घंटे और फ्री बिजली मिलती है।
जो सब्सिडी मांगेगा, उसे मिलेगी: केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 58 लाख डोमेस्टिक यूजर हैं। 47 लाख को सब्सिडी मिलती है। एक अक्टूबर से जो सब्सिडी मांगेगा, केवल उसे ही अब सब्सिडी मिलेगी। इसके लिए फॉर्म भरकर आप बिजली बिल जहां जमा कराते हो, वहां करा दो। आपकी सब्सिडी जारी रहेगी।
केजरीवाल ने जारी किया नंबर
सीएम केजरीवाल ने कहा कि हम नंबर जारी कर रहे हैं। 7011311111 पर व्हाट्सएप कर दीजिए और फॉर्म भरके भेज दीजिए। आपके फॉर्म भरने के 3 दिन के अंदर कंफर्मेशन आ जाएगा। जिस महीने से लोग अप्लाई करेंगे, उसके अगले महीने से यह जारी हो जाएगा। हम इसके लिए कॉम्प्रिहेंसिव कैंपेन शुरू करेंगे और साल में एक बार फॉर्म भरना होगा।
गुजरात में भी एक्टिव मोड में केजरीवाल
बता दें कि सीएम केजरीवाल गुजरात में काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। यहां होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालही में अरविंद केजरीवाल ने अहमदाबाद में एक ऑटो-रिक्शा चालक का निमंत्रण स्वीकार कर उसके घर जाकर रात का भोजन किया था। हालांकि, इससे पहले सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री की अपने होटल के बाहर तैनात पुलिस अधिकारियों के साथ काफी तीखी बहस भी हुई थी। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं के साथ ऑटो-रिक्शा में सवार होकर उसके घर गए और वहां रात्रिभोज किया।
हालांकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया और उन्हें अभिनेता करार दिया था। ऑटो-रिक्शा चालक के घर जाने से पहले केजरीवाल की सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर एक पांच सितारा होटल के बाहर कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी बहस हुई, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री पुलिसकर्मियों को अपने साथ ले जाने के लिए तैयार नहीं थे।