Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने दुबई के जरिए ब्रिटेन की यात्रा करते हुए शर्तों का कथित तौर पर उल्लंघन के लिए रॉबर्ट वाड्रा को जारी कारण बताओ नोटिस शनिवार को वापस ले लिया, लेकिन उन्हें भविष्य में सतर्क रहने की चेतावनी दी। इससे पहले अदालत ने 20 सितंबर को उनका यह बयान स्वीकार करने से इनकार कर दिया था कि उन्हें ‘‘संयुक्त अरब अमीरात से होकर ब्रिटेन की यात्रा करते हुए चिकित्सा अनिवार्यता के कारण दुबई में रहने के लिए विवश होना पड़ा था।’’
'गलती के लिए मांगी बिना शर्त माफी'
अदालत ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि उनकी 25 लाख रुपये की एफडी जब्त क्यों न कर ली जाए। विशेष न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने कहा, ‘‘हलफनामे में कही बातों से मैं संतुष्ट हूं कि जानबूझकर यह नहीं किया गया, स्पष्टीकरण बाद में सोच-विचारकर नहीं दिया गया और याचिकाकर्ता के आचरण में नेक नीयती की कमी नहीं है।’’ विशेष न्यायाधीश ने कारण बताओ नोटिस वापस लेते हुए कहा कि वाद्रा ने ‘गलती के लिए बिना शर्त माफी मांगी है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है’ और ‘याचिकाकर्ता को भविष्य में सतर्क रहने की चेतावनी दी गयी है।’ इसके साथ ही अदालत ने एफडी जारी करने का आदेश दिया।
वाड्रा ने दिखाए मेडिकल रिकॉर्ड
अदालत ने कहा कि वाड्रा ने अपनी स्थिति के संबंध में मेडिकल रिकॉर्ड दिखाए थे, जिसके कारण उन्हें लंबी यात्रा न करने की सलाह दी गई थी और उनकी चिकित्सा सहायता के लिए दुबई में जारी चिकित्सा प्रमाणपत्र रिकॉर्ड में है। उसने कहा कि वाद्रा पहले भी दुबई की और दुबई में रुककर आगे की यात्रा कर चुके हैं। अदालत ने 12 अगस्त को वाद्रा को चार हफ्तों के लिए संयुक्त अरब अमीरात, स्पेन और इटली होकर ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति दी थी। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति वाद्रा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में अभी जमानत पर हैं।