Delhi News: दिल्ली शराब नीति पर मचे बवाल पर अब बीजेपी ने अपनी बात रखी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरोपों के बाद अब बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली की केजरीवाल सरकार और मनीष सिसोदिया पर हमला बोल है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि, आबकारी नीति पर मनीष सिसोदिया ने झूठ बोला है। दिल्ली के एलजी ने नियमों के मुताबिक काम किया है। उन्होंने किसी के कहने पर कोई फैसला नहीं लिया है।
जांच के डर से भ्रष्टाचार का ठीकरा LG पर डाल रहे सिसोदिया - पात्रा
संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि, "दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के तहत ब्लैक लिस्टेड कंपनियों ने ठेके खोले हैं। अब जब इस मामले में जांच हो रही है तो मनीष सिसोदिया की बौखलाहट सामने आ रही है।" संबित पात्रा ने कहा कि,"मनीष सिसोदिया ये बताएं कि नवंबर से ले आज तक वो शांत क्यो थे, अब तक प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करके खुलासा क्यो नहीं किया?" उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, शराब कंपनियों के 144 करोड़ रुपयों को मनीष सिसोदिया ने बिना किसी की अनुमति के माफ़ कर दिया। अब जब मामले की CBI जांच हो रही है तो भ्रष्टाचार का ठीकरा LG पर डाल रहे हैं।
शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए केवल 3 ड्राई डे किए - बीजेपी
वहीं दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, केजरीवाल सरकार ने शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए 21 ड्राई डे से कम करके केवल 3 ड्राई डे कर दिए। अब शराब माफियाओं के साथ मिलकर सरकार हजारों-कार्ड रुपए का घोटाला कर रही है।
नई एक्साइज पॉलिसी के चलते सरकार को हुआ नुकसान - सिसोदिया
वहीं इसे पहले आज ही एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम ने नई एक्साइज पॉलिसी के चलते सरकार को हुए नुकसान का सारा ठीकरा दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर पर फोड़ते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने जांच को लेकर एक चिट्ठी भी लिखी है। सिसोदिया ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एलजी के फैसलों के कारण सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
एलजी ने आखिरी मौके पर रखी नयी शर्तें-सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-'दिल्ली सरकार ने मई 2021 में नई एक्साइज पॉलिसी पारित की। इस नीति के तहत अन-अथॉराइज्ड इलाके में भी दुकानें बंटनी थी जिस पर उपराज्यपाल ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी लेकिन जब दुकानों की फाइल गई तो उन्होंने अपना मन बदल लिया और उपराज्यपाल ने नई शर्त रखी कि अन अथॉराइज्ड इलाकों में दुकानें खोलने के लिए DDA और MCD की मंजूरी लिजिए। इससे अन-अथॉराइज्ड में दुकानें नहीं खुल पाई और कोर्ट के फैसले के कारण नए लाइसेंसधारकों को रियायत देनी पड़ी और सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ। मैंने जांच के लिए CBI को पत्र लिखा है।'