Highlights
- पायलट ने किया था मारिजुआना का सेवन
- 31 जनवरी, 2022 को लागू हुआ था नया नियम
- पायलट एक नामी एयरलाइन में काम करता था
Delhi News: भारत में विमान उड़ाने से पहले पायलट के लिए कुछ विशेष नियामों का पालन करना होता है। ऐसा विमान और विमान यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक होता है। इन्हीं नियमों में से एक नियम है कि फ्लाइट उड़ाने से 24 घंटे पहले किसी भी तरह का नशा न करना। लेकिन कुछ पायलट इन नियमों को धता बताते हुए नशे का सेवन कर लेते हैं। कुछ ऐसे ही मामले दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देखने को मिल जाते हैं।
डीजीसीए ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर ड्रग टेस्ट में फेल होने पर एक पायलट को फ्लाइट ड्यूटी से हटा दिया गया है। इसमें बताया गया कि यह पायलट एक नामी एयरलाइन में काम करता था। ड्यूटी के दौरान उस पायलट का रैंडम सैंपल लिया गया था। हालांकि डीजीसीए की रिपोर्ट में एयरलाइन का नाम नहीं बताया गया है। गौरतलब है कि इस साल जनवरी में पायलटों के रैंडम ड्रग टेस्ट का नियम बना था। इसके बाद से यह चौथा मामला था।
पायलट ने किया था मारिजुआना का सेवन
डीजीसीए की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक प्रॉमिनेंट एयरलाइंस के पायलट का रैंडम ड्रग टेस्ट किया गया। इसकी रिपोर्ट 23 अगस्त को आई, जिसमें पायलट को पॉजिटिव पाया गया। यह कंफर्म होते ही पायलट को फ्लाइट ड्यूटी से हटा दिया गया। जांच में सामने आया है कि पायलट ने ड्रग्स ली थी, वह मारिजुआना थी। 31 जनवरी, 2022 में पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स का ड्रग टेस्ट का नियम लागू होने के बाद से अब तक चार लोग पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें से तीन पायलट और एक एटीसी कंट्रोलर था।
ड्यूटी के दौरान कभी भी लिया जा सकता है सैंपल
नए नियमों के अनुसार, पायलट का सैंपल उसकी ड्यूटी के दौरान कभी भी लिया जा सकता है। इसे उड़ान से पहले या उड़ान के बाद ड्यूटी के वक्त कभी भी एयरपोर्ट पर बने सेंटर पर लिया जा सकता है। इसी नियम के तहत दोषी पाए गए पायलट का सैंपल दिल्ली एयरपोर्ट पर बने सेंटर पर लिया गया था। इस जांच में पहली बार दोषी पाए गए पायलटों को स्पेशलिस्ट डॉक्टर, काउंसलर या डिएडिक्शन सेंटर पर भेजा जाता है। कुछ वक्त के बाद उसका दोबारा टेस्ट किया जाता है। अगली बार टेस्ट में निगेटिव आने के बाद उसे फिर से ड्यूटी पर आने की इजाजत मिल सकती है। दूसरी बार भी ड्रग टेस्ट में फेल होने वाले पायलटों का तीन साल के लिए लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाता है। वहीं अगर कोई पायलट तीसरी बार इस टेस्ट में फेल होता है तो उसका लाइसेंस जिंदगीभर के लिए रद्द कर दिया जाता है। और फिर वह कभी भी विमान नहीं उड़ा सकता है।