Highlights
- देश के अंदर सरकारी स्कूलों को शानदार बनाना होगा-केजरीवाल
- ढेर सारे नए स्कूल खोलने होंगे, कच्चे टीचरों को पक्का करना होगा-केजरीवाल
- टीचरों की शानदार ट्रेनिंग देनी होगी, जरूरत पड़ने पर विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजना होगा-केजरीवाल
Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश के हर गरीब को अमीर बनाने का फॉर्मूला बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं देश के हर गरीब को अमीर बनाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि देश में सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है, मैं दिल्ली की तरह हर स्कूल को बेहतर बनाकर देश के हर गरीब को अमीर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चार उपायों से देश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर लोगों को अमीर बनाया जा सकता है।
अमीर बनाने के लिए शिक्षा व्यवस्था सुधारने के चार उपाय
1 देश के अंदर सरकारी स्कूलों को शानदार बनाना होगा
2 ढेर सारे नए स्कूल खोलने होंगे
3 कच्चे टीचरों को पक्का करना होगा
4 टीचरों की शानदार ट्रेनिंग देनी होगी, जरूरत पड़ने पर विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजना होगा।
पांच साल के अंदर यह काम हो सकता है-केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पांच साल में ये काम हो सकता है। हमको ये करना आता है। मैं केंद्र सरकार को कहना चाहता हूं आप हमारी सर्विसेज का यूज करो। राजनीति को अलग करें। इसको फ्रबीज कहना बंद करें। अच्छी शिक्षा देने फ्रीबीज नहीं है। उन्होंने दिल्ली के अस्पतालों का भी जिक्र किया और कहा कि आज दिल्ली के लोगों को मुफ्त में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। लगन ये होनी चाहिए कि सरकारी सिस्टम को दुरुस्त करना होगा. कई जगह जानबूझकर सरकारी सिस्टम को कमजोर किय़ा जा रहा है।
नि:शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को ‘मुफ्त की रेवड़ी’ ना कहें- केजरीवाल
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से नि:शुल्क शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं को ‘‘मुफ्त की रेवड़ी’’ ना कहने का भी आग्रह किया। भाजपा ने केजरीवाल पर सत्ता में आने के लिए लोगों को नि:शुल्क सेवाओं का ‘‘झांसा’’ देने का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद लोगों को ‘‘रेवड़ी कल्चर’’ को लेकर सर्तक रहने की हिदायत दी थी और कहा था कि यह देश के विकास के लिए ‘‘ बेहद घातक है। ’’ केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं। मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि इसे मुफ्त की रेवड़ी कहना बंद करें।’’