Highlights
- 3 मई को अमेरिका से भारत आई थी युवती
- पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर 24 घंटों में सुलझाया मामला
- अमेरिकी दूतावास से आई थी युवती के गायब होने की सूचना
Delhi News: भारत में हर वर्ष लाखों लोग घूमने आते हैं। उनके सफ़र की शुरूआत मुख्यतः दिल्ली से ही होती है। ऐसे ही एक अमेरिकी युवती भारत में घुमने आती है। लेकिन उसके बाद दिल्ली पुलिस को सूचना मिलती है कि उस युवती का अपहरण हो गया। विभाग में हडकंप मच जाता है। मामला विदेशी नागरिक के गायब होने का था और शिकायत भी सीधे अमेरिकी दूतावास की तरफ से की गई। पुलिस के ऊपर युवती को जल्द से जल्द ढूंढने का दवाब था। मामले में तत्परता दिखाई गई और 24 घंटों में मामले को सुलझा लिया गया। लेकिन खुलासा ऐसा था कि दिल्ली पुलिस समेत अमेरिकी दूतावास के अधिकारी भी हैरान हो गए।
दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा
दिल्ली पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दावा किया कि वास्तव में युवती का अपहरण नहीं हुआ था, उसने अपने एक नाइजीरियाई दोस्त के साथ मिलकर अपहरण का नाटक रचा था। नई दिल्ली जिला की डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया कि, "27 वर्षीय अमेरिकी नागरिक कोले रेनी 3 मई को अमेरिका से दिल्ली आई थी। वह 2 महीने तक देश के अलग अलग हिस्सों में घूमती रही, लेकिन 9 जुलाई को कोले रेनी ने अमेरिकी नागरिक सेवा (अमेरिकन सिटिजन सर्विस) को ईमेल किया। इसमें कोले ने बताया कि भारत में उसका शारीरिक एवं भावनात्मक तौर पर उत्पीड़न किया जा रहा है। हालांकि उसने इस मेल में इससे अधिक जानकारी साझा नहीं की और न ही जगह के बारे में बताया।
व्हाट्सएप कॉल पर किया था माता-पिता से संपर्क
इसके बाद युवती ने 10 जुलाई को अमेरिका में रहने वाले अपने माता-पिता से व्हाट्सएप कॉल पर सम्पर्क किया। उसने मां को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल में शरीर पर चोट के निशान दिखाए। अमेरिकी युवती ने अपनी मां को बताया कि कुछ लोग उसकी पिटाई भी करते हैं। हालांकि उसने ये नहीं बताया कि उसे कहां रखा गया है? कॉल पर युवती की बात हो ही रही होती है कि कमरे में कुछ लोग आ जाने से उसने फ़ोन काट दिया। फिर परिवार से उसका कोई सम्पर्क नहीं हो सका। इसके बाद युवती की मां ने अमेरिकी सिटिजन सर्विस से सम्पर्क कर पूरी जानकारी दी। फिर इसकी जानकारी नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास को दी गई। अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकी युवती की गुमशुदगी की शिकायत चाणक्यपुरी थाने में दी। जिस पर अपहरण की धारा के तहत एफआईआर दर्ज उसकी तलाश शुरू की गई।
चाणक्यपुरी थाने में दर्ज हुई शिकायत
नई दिल्ली में अमेरिकन एंबेसी से साझा की इसके बाद अमेरिकन बेटी ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच शुरू की। डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया कि चाणक्यपुरी थाने में मामला दर्ज कर कई टीमों का गठन कर युवती की तलाश शुरू कर दी गई। सबसे पहले पुलिस ने याहू डॉट कॉम से ईमेल करने वाले सिस्टम का आईपी एड्रेस खंगाला। इसके अलावा जिस मोबाइल से कोले रेनी ने अपनी मां को कॉल किया था, उसका भी पता करने का प्रयास किया गया। इसके अलावा भारत आने पर कोले रेनी ने जो इमीग्रेशन फॉर्म भरा था, उससे भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया। इमीग्रेशन फॉर्म से पता चला कि उसने ग्रेटर नोएडा में एक निजी होटल में रुकने की जानकारी दी थी, लेकिन टीम ने जब होटल में जाकर पूछताछ की तो पता चला कि वह वहां पहुंची ही नहीं। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की जांच की तो उन्हें कोले रेनी के एक दोस्त का नंबर मिला। पुलिस ने उसके आधार पर जांच करते हुए गुरुग्राम पहुंची, जहां से नाइजीरियाई नागरिक रिची को हिरासत में लिया गया। उससे पूछताछ में पुलिस को कोले रेनी के ग्रेटर नॉएडा में होने की जानकारी मिली। जिसके बाद एक टीम रिची के बताये पते पर गई, जहां एक मकान से कोले रेनी को बरामद कर लिया गया।
युवती का वीजा हो चुका था खत्म
पुलिस के मुताबिक यह सब कोले रेनी ने यह सब सिर्फ इसलिए किया क्योंकि वह अपने नाइजीरियन मित्र के साथ हिंदुस्तान में रहना चाहती थी लेकिन उसका वीजा खत्म हो चुका था। अब पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया कि पूछताछ के दौरान कोले रेनी ने बताया कि उसने झूठी कहानी रचकर परिवार को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया था। कोले रेनी ने अमेरिकी विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया हुआ है। उसके पिता पूर्व सेना अधिकारी हैं। उसे गाने का शौक है। नाइजीरियाई युवक रिची को भी गाने का शौक है। दोनों की दोस्ती फेसबुक से हुई थी। दोनों ने साथ मिलकर गाने का प्लान बनाया था।