नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा एक बार फिर प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच गई हैं।वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के मद्देनजर GRAP के तहत तीसरे चरण के प्रतिबंधों को शुक्रवार को फिर से लागू कर दिया। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है और 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 371 रहा।
मौसम विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों के अनुसार, प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता की स्थिति और भी खराब होने की आशंका है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने की रणनीति बनाने के लिए जिम्मेदार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने क्षेत्र के अधिकारियों को स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए तीसरे चरण के तहत निर्धारित प्रतिबंधों को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है।
GRAP-3 के तहत निजी क्षेत्र में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाया जाता है। चरण तीन के तहत, पांचवीं तक की कक्षाएं ‘हाइब्रिड’ (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन) तरीके में चलाना आवश्यक है। माता-पिता और छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प है। चरण तीन के तहत, दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल कारों (4-पहिया वाहन) का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। दिव्यांग व्यक्तियों को छूट दी गई है।
ग्रैप-3 के तहत ये पाबंदियां
- ग्रैप-3 लागू होने पर दिल्ली में माल ढुलाई के लिए बीएस चार के डीजल इंजन वाले मीडिया गूड्स व्हीकल पर प्रतिबंध रहेगा। केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छूट मिलेगी।
- दिल्ली से बाहर पंजीकृत बीएस चार और उससे कम मानक के डीजल इंजन वाहनों को ग्रैप-3 के दौरान दिल्ली-एनसीआर में एंट्री नहीं मिलेगी।
- ग्रैप-3 में दिल्ली एनसीआर के स्कूल पांचवीं क्लास तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में करा सकते हैं। अभिभावक अपनी सुविधा के मुताबिक ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास का विकल्प चुन सकते हैं।
- ग्रैप-3 में दिल्ली सरकार और एनसीआर से संबंधित राज्य सरकार सरकारी विभागों और सिविक एजेंसियों के दफ्तर के समय में फेरबदल कर सकती हैं। ग्रैप-3 में शामिल नए प्रावधानों का पालन संबंधित एजेंसियों को सुनिश्चित करना होगा।
कब लागू किया जाता है ग्रैप- 3?
जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 401 से 450 के बीच होने पर तीसरा चरण लागू किया जाता है। ग्रैप-3 लागू होने पर हर दिन सड़कों की सफाई की जाती है। नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाता है। कंस्ट्रक्शन के दौरान निकलने वाले धूल और मलबे का सही तरीके से निष्पादन किया जाता है।