नई दिल्ली: दिल्ली के विधायकों को सरकार ने बड़ी राहत देते हुए विधायक निधि (एमएलए लेड फंड) को बढ़ा दिया है। अब विधायक निधि को 4 करोड़ से बढ़ाकर 7 करोड़ सालाना कर दिया गया है। दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रत्येक विधायक के लिए विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एमएलएएलएडी) निधि को चार करोड़ रुपये से बढ़ाकर सात करोड़ रुपये कर दिया गया है। दिल्ली विधानसभा का दो-दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार को सुबह शुरू हुआ।
मंत्री ने दी जानकारी
दिल्ली के मंत्री ने सत्र के दौरान यह भी कहा कि बजट 2023-24 के संशोधित अनुमान में 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि शेष राशि अगले वित्तीय वर्ष के बजट में आवंटित की जायेगी। एमएलएएलएडी निधि विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आवंटित की जाती है। इसके बढ़ने से विधायक अपने इलाके में और विकास कार्य करा सकेंगे। इससे पहले विधायक विकास कार्यों के लिए मिलने वाले फंड को बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
कई विधायकों ने की थी मांग
इससे पहले दिल्ली सरकार ने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एलएडी) निधि को मंजूरी दी थी। दिल्ली में एक विधायक को वर्तमान में अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए एक वर्ष में 4 करोड़ रुपये मिलते हैं। केजरीवाल सरकार ने कहा था कि एमएलएएलएडी फंड बढ़ाने की मांग हर विधायक की थी।
मार्च में बढ़ी थी विधायकों की सैलरी
इससे पहले इसी साल मार्च में दिल्ली सरकार ने विधायकों की सैलरी 66 प्रतिशत बढ़ाई थी। विधायकों को 54,000 के बजाय अब 90,000 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता समेत सभी विधायकों को वेतन और भत्ते मिलाकर कुल 1.70 लाख रुपये प्रति माह मिलते हैं जबकि पहले उन्हें 72,000 रुपये मिलते थे। यह प्रस्ताव 4 जुलाई 2022 को दिल्ली विधानसभा में पारित किया गया था। दिल्ली में विधायकों की सैलरी 12 साल बाद बढ़ाई गई थी। अधिसूचना के मुताबिक, बढ़े हुए वेतन सभी 70 विधायकों के लिए 14 फरवरी 2023 से प्रभावी हैं।
दैनिक भत्ता भी बढ़ा था
4 जुलाई 2022 को दिल्ली विधानसभा में पांच अलग-अलग विधेयक पारित कर मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचिव, विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था. प्रस्ताव पर विचार करने के बाद राष्ट्रपति ने 14 फरवरी को इसे मंजूरी दे दी, जिसके बाद विधायकों की सैलरी में करीब 66 फीसदी का इजाफा हुआ था। पहले उनकी बेसिक सैलरी 12,000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। दैनिक भत्ता भी 1,000 से बढ़ाकर 1,500 कर दिया गया था। मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता का वेतन भी इतना ही बढ़ाया गया है।