Highlights
- रिसर्चर्स ने MMTS की आवश्यकता पर जोर दिया
- "दिल्ली में जाम और पर्यावरण की स्थिति लगातार खराब हो रही"
- "मेट्रो के जरिये सुगम्यता में सुधार से सड़कों पर भीड़ कम होगी"
Delhi Metro: दिल्ली में भारी जाम और पर्यावरण में आ रही गिरावट के मद्देनजर रिसर्चर्स ने मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (MMTS) की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका कहना है कि मेट्रो नेटवर्क के ज्यादा सुविधाजनक होने पर लोग इसे ही मैन माध्यम के तौर पर पसंद करेंगे। रिसर्चर्स ने ‘‘जीआईएस ऐंड ग्रैविटी मॉडल बेस्ड ऐक्सेसिबिलिटी मेजर फॉर दिल्ली मेट्रो’’शीर्षक से अध्ययन किया, जिसे हाल में एक विदेशी जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें यह भी दावा किया गया है कि दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का निर्माण पूरा होने पर विभिन्न इलाकों और मेट्रो स्टेशनों के बीच सफर करने के औसत समय में भी कमी आएगी।
तीन अलग- अलग स्तर पर किया गया है अध्यन
रिसर्चर्स ने तीन अलग-अलग स्तर पर अध्ययन किया है, इनमें सुगम्यता, सुगम्यता की नीति और MMTS के साथ सुगम्यता के संबंध को आंका गया। MMTS दो या उससे अधिक परिवहन के साधनों के इंटीग्रेटिड इस्तेमाल की संभावना का शहरी इलाकों में सुरक्षित, तेज गति से और अधिक सुविधा के साथ यात्रा करने के लिए पता लगाता है। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘दिल्ली में जाम और पर्यावरण की स्थिति लगातार खराब हो रही है, इसमें सुधार के लिए इस तक पहुंच को अधिक आसान बनाने और MMTS की संभावना का पता लगाया जाना चाहिए।’’ इसमें कहा गया है कि बढ़ती आबादी और नजदीकी इलाकों से काम, शिक्षा और कारोबार के लिए दिल्ली आने वाले लोगों की वजह से शहर की सड़कों और पर्यावरण पर असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए सुधार के लिए ऐसी नीति बनाने की जरूरत है जो सुगम्यता के ईर्द-गिर्द हो।
CRRI,CSIR और NIT सूरथकल के दो रिसर्चर्स ने मिलकरल लिखा है अनुसंधानपत्र
इस अनुसंधानपत्र को केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI), CSIR और NIT सूरथकल के दो रिसर्चर्स ने लिखा है। इसमें इस नीति पर भी चर्चा की गई है कि मेट्रो नेटवर्क का विस्तार कर इसकी उपलब्धता पैदल पहुंचने की दूरी तक करने से इस तक लोगों की पहुंच में सुधार किया जा सकता है। रिसर्च पत्र में कहा गया है, ‘‘मेट्रो के जरिये सुगम्यता में सुधार से सड़कों पर भीड़ कम होगी और वायु तथा ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आएगी क्योंकि यात्री MMTS के इस सिस्टम को प्राथमिकता देंगे।’’