मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर करीब 11 दिन से बाहर रहने के बावजूद दिल्ली में महापौर (मेयर) चुनाव अब भी अधर में लटका है। इसके पहले चुनाव कराने के लिए केजरीवाल के हस्ताक्षर की प्रतीक्षा की जा रही थी। दिल्ली नगर निगम (MCD) के सूत्रों ने कहा कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अनुमति लेने के लिए कोई फाइल अभी तक नगर निगम सचिव के कार्यालय से नहीं भेजी गई है। राजनिवास को एक नया अनुरोध भेजना होगा, जो महापौर चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल तक पहुंचने से पहले दिल्ली के मुख्य सचिव और शहरी विकास विभाग से होकर गुजरेगा।
सूत्रों ने कहा, ‘‘अभी तक दिल्ली के महापौर का चुनाव कराने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी लेने के लिए मौजूदा महापौर कार्यालय से कोई नया अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए एक नई फाइल एमसीडी से उपराज्यपाल कार्यालय में भेजनी होगी।’’
अप्रैल में स्थगित हुआ था महापौर चुनाव
एमसीडी ने उपराज्यपाल द्वारा पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न किए जाने का हवाला देते हुए अप्रैल में महापौर चुनाव स्थगित कर दिया था। सक्सेना ने ‘मुख्यमंत्री से जानकारी मिलने के अभाव में’ एक पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में जेल में थे।
...तो इसलिए अधर में लटका MCD का मेयर चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए सशर्त 21 दिन की अंतरिम जमानत प्रदान की थी। सात चरण का मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद दो जून को उन्हें जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। जमानत शर्तों के अनुसार, मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत अवधि के दौरान अत्यावश्यक मामले में किसी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी। उन्हें अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में जाने से भी रोक दिया गया है।
राज निवास के सूत्रों ने कहा कि उपराज्यपाल के कार्यालय को एमसीडी के महापौर चुनाव के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई नया अनुरोध नहीं प्राप्त हुआ है। फिलहाल महापौर शैली ओबेरॉय और उपमहापौर आले मुहम्मद इकबाल नये महापौर और उपमहापौर के चुने जाने तक अपने-अपने पद पर बने रहेंगे। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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