दिल्ली पुलिस ने शनिवार को एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो हाईकोर्ट का जज बनकर पुलिस को ही चूना लगाने खुद चलकर थाने पहुंच गया। ये युवक समयपुर बादली थाने के पुलिस अधिकारियों से 5 लाख रुपये की रंगदारी मांगने की कोशिश कर रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान नरेंद्र कुमार अग्रवाल के रूप में हुई है।
दिल्ली हाई कोर्ट का जज बनकर किया मैसेज
पुलिस ने बताया कि 16 दिसंबर को एसीपी अनुराग द्विवेदी के आधिकारिक मोबाइल नंबर पर एक व्हाट्सएप मैसेज आया, जिसमें व्यक्ति ने खुद को दिल्ली हाईकोर्ट का जज होने का दावा किया। उसने मैसेज में लिखा हाय, जस्टिस (नाम नहीं बताया) सिटिंग जज दिल्ली हाई कोर्ट, मुझे तत्काल कॉल करो। जब पुलिस ने इस नंबर पर दोबारा फोन किया तो आरोपी ने उन्हें बताया कि वह एक रिट याचिका के सिलसिले में समयपुर बादली पुलिस थाने का दौरा करेंगे।
हेड कांस्टेबल के साथ सुलझाना चाह रहा था मामला
एसीपी ने यह संदेश एसएचओ समयपुर बादली संजय कुमार को दिया। जब एसएचओ अपने दफ्तर में थे तब आरोपी खुद को जज बताकर वहां पहुंचा और उन्हें बताया कि वह हमारे क्षेत्र के संगठित अपराध के संबंध में दायर एक रिट याचिका के व्यक्तिगत वेरिफिकेशन के सिलसिले में थाने आए थे। आधिकारी ने कहा कि 15 दिसंबर को उसने गश्त के दौरान तैनात हेड कांस्टेबल पवन के साथ मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
पुलिस को शख्स पर कैसे हुआ शक
इसके बाद आरोपी ने एसएचओ समयपुर बादली से रिट याचिका को खारिज करने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की। पुलिस को शक हुआ क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट से किसी भी जज के पुलिस स्टेशन समयपुर बादली आने के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी। एसएचओ ने खुद को जज बताने वाले शख्स का वेरिफिकेशन किया तो उसका नाम और पता का खुलासा हुआ।
आरोपी के फोन से हुआ चौंकाना वाला खुलासा
पुलिस ने नरेंद्र कुमार अग्रवाल का मोबाइल फोन लिया और उसकी जांच की। वे यह देखकर चौंक गए कि उसने सरकारी अधिकारियों समेत कई लोगों को धमकी दी थी। इसी बीच हेड कांस्टेबल पवन भी पहुंच गया और आरोपी की शिनाख्त कर ली। पुलिस ने कहा कि आरोपी नरेंद्र कुमार अग्रवाल अपना काम कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के नाम से दिल्ली पुलिस के अधिकारी को कॉल और मैसेज करता था।