Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच तकरार थमती नहीं दिख रही है। उपराज्यपाल ने आज सोमवार को आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं आतिशी, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह, जैस्मीन शाह और अन्य को उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने, फर्जी खबर फैलाने और प्रेरित करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। आप नेताओं को इस पर अगले 48 घंटे में जवाब देने को कहा गया है।
आप के इन नेताओं ने हाल ही में कहा था कि वीके सक्सेना 2016 में नोटबंदी के दौरान एक घोटाले में शामिल थे, इसलिए उनके खिलाफ सीबीआई (CBI) जांच होनी चाहिए। आप नेताओं ने वीके सक्सेना पर खादी ग्रामोद्योग (KVIC) के चेयरमैन रहते हुए 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता का आरोप लगाया था।
'2016-17 के दौरान देश भर में खादी की कुल बिक्री 2146.60 करोड़'
कानूनी नोटिस में लिखा है, "यह ज्ञात हो कि 2016-17 के दौरान देश भर में खादी की कुल बिक्री केवीआईसी वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 के अनुसार 2146.60 करोड़ रुपये थी। केवीआईसी के केवल 7 डिपार्टमेंट स्टोर आउटलेट (डीएसओ) थे, जिसमें बिक्री 2016-17 के पूरे वर्ष के दौरान 173.58 करोड़ रुपये थे, जबकि शेष की बिक्री स्वतंत्र खादी इंस्टीट्यूशन स्टोर्स और फ्रेंचाइजी के माध्यम से की गई थी। वर्ष के दौरान इन 7 डीएसओ से 173.58 करोड़ रुपये की बिक्री में से 99.35 करोड़ रुपये खुदरा बिक्री के माध्यम से और शेष थोक बिक्री और सरकारी आपूर्ति के माध्यम से था।"
7 डीएसओ के माध्यम से लगभग 14.43 करोड़ की खुदरा बिक्री हुई
विमुद्रीकरण की अवधि 9.11.2016 से 31.12.2016 तक थी, इसलिए आनुपातिक आधार पर, विमुद्रीकरण की अवधि के दौरान इन 7 डीएसओ के माध्यम से लगभग 14.43 करोड़ रुपये की खुदरा बिक्री हुई। इसलिए, कल्पना के किसी भी हिस्से से, 1400 करोड़ रुपये का आंकड़ा न केवल खातों की किताबों में दर्ज वास्तविक और निर्विवाद आंकड़ों के साथ असंगत है, बल्कि एक समझ से बाहर है। नोटिस में कहा गया है कि सक्सेना के खिलाफ इस तरह के ब्यान में आप और उसके नेताओं की संलिप्तता पूरी तरह से दिल्ली में आप सरकार की घोर विफलता से लोगों का ध्यान भटकाने और हटाने के उद्देश्य से है।