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दिल्ली शराब घोटाला केस में एक और गिरफ्तारी, ईडी ने गोवा से एडवोकेट विनोद चौहान को किया गिरफ्तार

Delhi liquor scam case : प्रवर्तन निदेशालय ने गोवा से एडवोकेट विनोद चौहान को दिल्ली शराब घोटाला केस में गिरफ्तार किया है।

Reported By : Atul Bhatia Edited By : Niraj Kumar Updated on: May 03, 2024 21:59 IST
ED, delhi liquor scam- India TV Hindi
Image Source : FILE प्रतीकात्मक तस्वीर

Delhi liquor scam case: दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक और गिरफ्तारी की है। इस मामले में ईडी की टीम ने एडवोकेट विनोद चौहान को गोवा से गिरफ्तार किया है। इस मामले की जांच और ईडी द्वारा कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है कि आबकारी नीति में थोक विक्रेताओं के लिए लाभ मार्जिन 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया ताकि इस मार्जिन में से एक हिस्सा किकबैक के रूप में वापस लिया जा सके। 

के. कविता के कर्मचारी के बयान के आधार पर गिरफ्तारी

इस मामले में गिरफ्तार किए गए के कविता के एक कर्मचारी के बयान के आधार पर एडवोकेट विनोद चौहान की गिरफ्तारी हुई है। के कविता के कर्मचारी ने 8 जुलाई 2023 को बयान दिया था जिससे पता चला कि उसने अभिषेक बोइनपल्ली के निर्देश पर दिनेश अरोड़ा के कार्यालय से नकदी से भरे दो भारी बैग लेकर विनोद चौहान को दिया था। इसके बाद एक बार फिर उसने टोडापुर के एक पते से दो बैग कैश लेकर विनोद चौहान को दिया था। आरोपों के मुताबिक विनोद चौहान ने इसे हवाला के जरिये गोवा में चुनाव प्रचार के लिए आम आदमी पार्टी को ट्रांसफर किया था।

केजरीवाल, सिसोदिया, के. कविता समेत कई गिरफ्तार

दिल्ली शराब घोटाले केस में ईडी इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, बीआरएस नेता के कविता समेत कई शराब कारोबारियों और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। दिल्ली सरकार ने इस पॉलिसी से राजस्व में 95000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था। इस पॉलिसी के लागू होने पर सरकार शराब के कारोबार से बाहर हो गई थी और इसे प्राइवेट कंपनियों के हवाले कर दिया गया था।

इस पॉलिसी के मुताबिक दिल्ली में कुल 32 जोन बनाए गए और हर जोन में शराब की अधिकतम 27 दुकानों को खोलने की मंजूरी दी गई। उस समय दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार को इसमें कुछ गड़बड़ी लगी तो उन्होंने ले. गवर्नर वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। बाद में एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। इस मामले में सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को पहली बार केस दर्ज किया। इस बीच दिल्ली सरकार ने इस पॉलिसी को रद्द कर दिया।

इसके बाद सीबीआई और ईडी ने इस घोटाले की परतें खोलनी शुरू कर दी। कई ठिकानों पर छापे मारे गए और आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू हो गई। दोनों एजेंसियों ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की है। आरोपों के मुताबिक इस पॉलिसी से दिल्ली सरकार को कथित तौर पर 2873 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि आम आदमी पार्टी इन आरोपों को नकार रही है।

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