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Delhi LG VK Saxena: AAP नेताओं ने लगाया 1400 करोड़ के घोटाले का आरोप, अब LG सक्सेना लेंगे लीगल एक्शन, जानें पूरा मामला

Delhi LG VK Saxena: आप के इन नेताओं ने हाल ही में दावा किया है कि सक्सेना 2016 में नोटबंदी के दौरान एक घोटाले में शामिल थे, इसलिए उनके खिलाफ सीबीआई (CBI) जांच होनी चाहिए।

Edited By: Malaika Imam
Published on: August 31, 2022 20:09 IST
Delhi LG VK Saxena- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Delhi LG VK Saxena

Highlights

  • सौरभ भारद्वाज सहित कई AAP नेताओं पर करेंगे कानूनी कार्रवाई
  • 'मानहानि और भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों के लिए कार्रवाई की जाएगी'
  • 'CBI पहले ही KVIC के कहने पर मामले की जांच कर चुकी है'

Delhi LG VK Saxena: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (AAP) के उन नेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है, जिन्होंने सक्सेना पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था।

एलजी कार्यालय के सूत्र के अनुसार, आप नेताओं - सौरभ भारद्वाज, आतिशी, दुर्गेश पाठक और जैस्मीन शाह सहित अन्य के खिलाफ उनकी ओर से केवीआईसी अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के लिए मानहानि और भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों के लिए कार्रवाई की जाएगी।

दावा- 2016 में नोटबंदी के दौरान एक घोटाले में शामिल थे LG

आप के इन नेताओं ने हाल ही में दावा किया है कि सक्सेना 2016 में नोटबंदी के दौरान एक घोटाले में शामिल थे, इसलिए उनके खिलाफ सीबीआई (CBI) जांच होनी चाहिए। सूत्र ने कहा कि सीबीआई पहले ही केवीआईसी के कहने पर मामले की जांच कर चुकी है और चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। सूत्र ने कहा कि जिन दो लोगों के बयानों के आधार पर एलजी के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, वे ऐसे लोग हैं, जिन्हें सीबीआई ने नोटबंदी के बाद प्रथम दृष्टया केवीआईसी में भ्रष्टाचार में लिप्त पाया है।

सूत्र के मुताबिक, एलजी ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) अपने व्यापक कुकर्मो से ध्यान हटाने के लिए दूसरे पर आरोप लगा रही है। शिक्षा, शराब और पीडब्ल्यूडी (PWD) में बड़े पैमाने पर हजारों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। सूत्र ने कहा कि एलजी ने इन 'आप' नेताओं की ओर से लगाए गए इन खुले तौर पर झूठे, मानहानिकारक और स्पष्ट रूप से विचलित करने वाले आरोपों को गंभीरता से लिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है।

क्या है मामला?

8 नवंबर, 2016 को केंद्र की ओर से 1000 और 500 रुपये के नोटों का प्रचलन बंद किए जाने के बाद केवीआईसी ने 9 नवंबर, 2016 को एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था, "बिक्री आउटलेट और प्रतिष्ठान तत्काल प्रभाव से 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट स्वीकार नहीं करेंगे।"

बाद में पता चला कि कुछ पुराने नोट खादी ग्रामोद्योग भवन (केजीबी), नई दिल्ली के खाते में जमा किए गए थे। जांच और कार्रवाई के लिए मामला केवीआईसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के पास भेजा गया था। साथ ही CBI को भी सूचित किया गया और इस सूचना के आधार पर CBI अधिकारियों ने 6 अप्रैल, 2017 को संयुक्त औचक निरीक्षण किया।

CM Arvind Kejriwal, LG VK Saxena, Deputy CM Manish Sisodia

Image Source : FILE PHOTO
CM Arvind Kejriwal, LG VK Saxena, Deputy CM Manish Sisodia

एक सूत्र के अनुसार, प्रारंभिक जांच के बाद सीवीओ ने चार अधिकारियों - एके गर्ग (प्रबंधक), अजय गुप्ता (बिक्री प्रभारी), संजीव कुमार मलिक (प्रमुख कैशियर), प्रदीप यादव (एलडीसी) के निलंबन और ट्रांसफर की सिफारिश की। 17 अप्रैल, 2017 को इन सभी अधिकारियों को निलंबित कर विभिन्न स्थानों पर ट्रांसफर कर दिया गया था।

सीवीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 10 नवंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 के दौरान दिल्ली में केजीबी बैंक खाते में कुल 22,17,000 रुपये के पुराने नोट जमा किए गए, जिसमें 2140 नोट 500 रुपये के और 1147 नोट 1000 रुपये के थे। केवीआईसी ने 29 मई, 2017 को सीबीआई को सीवीओ की ओर से की गई शुरुआती जांच और चार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।

पुराने नोटों को जमा करने में दो शख्स की संलिप्तता

हालांकि, जांच एजेंसी ने पुराने नोटों को जमा करने में केवल दो व्यक्तियों- संजीव मलिक और प्रदीप यादव की संलिप्तता पाई और उनके खिलाफ 10 जुलाई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआई ने पाया कि केजीबी, नई दिल्ली के खाते में केवल 17,07,000 रुपये पुराने नोटों के रूप में जमा किए गए थे। हालांकि, सीबीआई ने निष्कर्ष निकाला कि 1000 रुपये और 500 रुपये के मूल्यवर्ग में 22,17,000 रुपये की कुल नकद जमा राशि में से कुल 5,10,000 रुपये की राशि वैध मुद्रा थी, इसलिए राशि को घटाकर 17,07,000 रुपये कर दिया गया।

सूत्र ने कहा कि सीबीआई पहले ही दो आरोपियों संजीव कुमार मलिक और प्रदीप यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और मामला नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लंबित है। सूत्र ने कहा कि आम आदमी पार्टी 1400 करोड़ रुपये के दावों के मुकाबले सिर्फ 17.07 लाख रुपये का मामला बता रही है, जो कल्पना के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।

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