नई दिल्ली। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर गुरुवार को दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने रोहिणी स्थित बाल भारती स्कूल के प्रबंधन को टेकओवर करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। वहीं इसकी मंजूरी दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दे दी है।
शिक्षा निदेशालय की ओर से फीस वृद्धि को वापस लेने के दिए आदेश का बार-बार उल्लंघन करने पर रोहिणी स्थित बाल भारती स्कूल को केजरीवाल सरकार टेकओवर करने का नोटिस भेज रही है। दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय, रोहिणी स्थित बाल भारती स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेगा। दिल्ली सरकार, मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस को वापस लेने के लिए कई बार आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन स्कूल प्रबंधन उन आदेशों का पालन करने में हर बार विफल रहा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाल भारती स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने के लिए शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह फाइल एलजी के पास भेजी गई थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। शिक्षा निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2016-2017 से 2017-2018 के लिए बाल भारती स्कूल के वित्तीय विवरण का गहनता से निरीक्षण किया था।
बता दें कि, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अभिभावकों को आश्वस्त किया है कि केजरीवाल सरकार स्कूलों को मनमानी ढंग से फीस नहीं बढ़ाने देगी। अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।
अभिलेखों के विस्तृत निरीक्षण के दौरान शिक्षा निदेशालय ने पाया कि वर्ष 2017-2018 के लिए स्कूल के पास कुल धनराशि 23,81,82,958 थी। इस धनराशि में से 20,94,38,802 रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। 20,94,38,802 रुपए खर्च होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन के पास करीब 2,87,44,156 रुपए की धनराशि शुद्ध रूप से सरपलस में थी। इसके बाद निदेशालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि स्कूल प्रबंधन को अभी फीस बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस संबंध में निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2017-2018 के लिए स्कूल द्वारा प्रस्तावित शुल्क वृद्धि को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। इसके अलावा स्कूल ने जो 2017-18 में फीस बढाई थी, उसे आगे एडजस्ट करना था। पर इसी बीच सरकार को अभिभावकों से फिर शिकायत मिली की स्कूल ने कई बार 2018-19 और 2019-20 में स्कूल फीस बढा दी है और एरियर भी जमा करने को कहा है।
इसके बाद निदेशालय ने 10/05/2019 को स्कूल को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाए या फिर सरकार क्यों न स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में ले ले। स्कूल की तरफ से दिया गया जवाब संतोष जनक नहीं था।
इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसकी फाइल मंजूरी के लिए एलजी को भेजी गया। जिसे एलजी ने मंजूरी दे दी है। आगे की कार्यवाही जारी है।