दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने हवाई यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए अनूठी पहल शुरू की है। इसके जरिए विमान को आधुनिक नहीं बनाया जा रहा या पायलेट को कोई खास ट्रेनिंग नहीं दी जा रही है। बल्कि, पहाड़ों में रहने वाले स्थानीय लोगों को जागरुक किया जा रहा है। दिल्ली एयरपोर्ट की टीम ने बुधवार को रंगपुरी पहाड़ी क्षेत्र में एक जागरूकता अभियान शुरू किया। इसके जरिए स्थानीय लोगों को वन्यजीवों के हमलों के बारे में बताया गया। अक्सर पक्षी हवाई यात्रा में बाधा पैदा करते हैं और किसी प्लेन के पक्षी से टकराने पर विमान हादसे का खतरा रहता है। इसी जोखिम को कम करने के लिए यह पहल शुरू की गई है।
हवाई यात्रा में पक्षियों और अन्य वन्य जीवों के चलते अक्सर परेशानी आती है। पक्षी उन क्षेत्रों की ओर आकर्षित होते हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी और घर के लिए पर्याप्त संसाधन मिलते हैं। अक्सर वे खुले में कचरा डंपिंग और गंदे शहरी वातावरण की ओर आकर्षित होते हैं। इससे हवाई यात्रा के दौरान खतरा बढ़ता है। हवाई अड्डे के आस-पास के पक्षी विमान और यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। ऐसे में एयरपोर्ट के पास 10 किलोमीटर के इलाके में ऐसी चीजों की पहचान की जाती है, जो पक्षियों को आकर्षित करती है और उसे कम करने के लिए पहल की जाती है। इसी कड़ी में जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट ने रंगपुरी पहाड़ी जागरुकता अभियान चलाया।
क्या है उद्देश्य ?
इस अभियान के बारे में DIAL के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, "दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। वन्यजीवों के हमले, विशेष रूप से पक्षियों के हमले विमान सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं। हमारी वन्यजीव खतरा प्रबंधन टीम हवाई क्षेत्र के भीतर इन जोखिमों को कम करने के लिए लगन से काम करती है। रंगपुरी पहाड़ी में जागरूकता अभियान समुदाय को उचित अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सीधे विमान सुरक्षा को प्रभावित करता है। स्थानीय निवासियों को शिक्षित और शामिल करके हमारा लक्ष्य हमारे यात्रियों और आसपास के समुदाय दोनों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है।"