नई दिल्ली: कोर्ट के आदेश के बावजूद एक महिला को गुजारा भत्ता न देने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मैक्स ग्रुप के संस्थापक चेयरमैन अनलजीत सिंह के बेटे वीर सिंह को 3 महीने की जेल की सजा सुनाई है। महिला ने पहले उस पर दिखावटी शादी कर रेप का आरोप लगाया था। दोनों का एक बच्चा भी है। कोर्ट ने जेल की सजा के अलावा 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा, "प्रतिवादी के वकील की दलीलों से यह स्पष्ट है कि वह आदेशों का पालन करके या सजा पर ध्यान देकर अवमानना का प्रायश्चित करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम उसे 2,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन महीने की साधारण कारावास की सजा देते हैं।''
कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को उस व्यक्ति के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "तिलक मार्ग के SHO को प्रतिवादी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का निर्देश दिया जाता है और प्रतिवादी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया जाएगा।" कोर्ट ने लुक आउट सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया क्योंकि प्रतिवादी के वकील ने दावा किया कि वह इस समय देश से बाहर है और कोर्ट में पेश होने में असमर्थ है।
वादा करने पर भी नहीं दिया गुजारा भत्ता
मामले पर 19 जुलाई को दोबारा सुनवाई होनी है। प्रतिवादी ने 1 जून को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट के समक्ष पेश होते हुए स्पष्ट वचन और आश्वासन दर्ज कराया था कि वह मई महीने के लिए किराया और रखरखाव का बकाया भुगतान 24 घंटे के भीतर कर देगा और जून के लिए 07 जून से पहले भुगतान करेगा। उसने यह भी कहा था कि वह प्रत्येक महीने की सातवीं तारीख तक भरण-पोषण राशि का भुगतान करना जारी रखेगा जैसा कि वह पहले करता रहा है।
दिखावटी शादी कर रेप का आरोप
महिला ने आरोप लगाया कि वह व्यक्ति कानून के प्रति "अनादर और तिरस्कार" करने का आदी है और उसने जानबूझकर विभिन्न न्यायिक आदेशों का उल्लंघन किया है, जिनमें उसकी सहमति, वचन और आश्वासन से पारित आदेश भी शामिल हैं। महिला और कारोबारी के बेट के बीच कई मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें उनके चार साल के बच्चे की कस्टडी का केस और एक आपराधिक मामला शामिल हैं जिसमें महिला ने पुरुष पर दिखावटी शादी कर उसके साथ रेप का आरोप लगाया है। महिला ने आरोप लगाया था कि सिंह ने "उसके साथ बलात्कार किया है" क्योंकि उसने इस विश्वास के साथ उसके साथ यौन संबंध बनाए थे कि उसने उसके साथ "कानूनी रूप से शादी कर ली है" और वह उसका पति है।
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बेडरूम और लॉबी में लगाए CCTV कैमरे
उसने आरोप लगाया था कि सिंह और उसके परिवार के सदस्यों ने एक दिखावटी समारोह आयोजित करने के बाद उसे धोखा दिया। उन्होंने उसकी सहमति के बिना उसका पीछा किया और उस पर निगरानी रखी। यह आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बेडरूम और लॉबी में सीसीटीवी कैमरे और बेबी मॉनिटर लगाए और उसकी सहमति और जानकारी के बिना उसकी हरकतों को रिकॉर्ड किया। हाईकोर्ट ने बाद में सत्र अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें पुलिस को सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। सिंह के हाईकोर्ट चले जाने के बाद जस्टिस अनुप जयराम भंभानी ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।