Friday, November 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. Delhi High Court: 'रेप के बाद शादी कर लेने से पाप धुल नहीं जाता', दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दी आरोपी की जमानत

Delhi High Court: 'रेप के बाद शादी कर लेने से पाप धुल नहीं जाता', दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दी आरोपी की जमानत

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यौन शोषण की पीड़िता और आरोपी की शादी हो जाने से दुष्कर्म के अपराध का पाप धुल नहीं जाता है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट 14 साल की लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। आरोपी ने दावा किया कि उसने बाद में एक मंदिर में पीड़िता से शादी कर ली थी।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: July 23, 2022 14:59 IST
Delhi High Court- India TV Hindi
Image Source : PTI Delhi High Court

Highlights

  • 'रेप के बाद शादी कर लेने से पाप धुल नहीं जाता'
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दी आरोपी की जमानत
  • कोर्ट ने कहा दुष्कर्म पूरे समाज के खिलाफ एक अपराध है

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यौन शोषण की पीड़िता और आरोपी की शादी हो जाने से दुष्कर्म के अपराध का पाप धुल नहीं जाता है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट 14 साल की लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। आरोपी ने दावा किया कि उसने बाद में एक मंदिर में पीड़िता से शादी कर ली थी। याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार करते हुए जज अनूप कुमार मेंदिरत्ता ने कहा, ‘‘एक नाबालिग को बहलाने और उससे शारीरिक संबंध बनाने की ऐसी घटनाओं को नियमित मामले के तौर पर नहीं देखा जा सकता।’’

दुष्कर्म पूरे समाज के खिलाफ एक अपराध है

गौरतलब है कि पीड़िता सितंबर 2019 को लापता हो गयी थी और बाद में वह अक्टूबर 2021 में आठ महीने की अपनी बेटी के साथ याचिकाकर्ता के घर में मिली थी। वह उस समय गर्भवती भी थी। जज मेंदिरत्ता ने कहा कि बलात्कार संबंधी कानून के तहत नाबालिग की सहमति मायने नहीं रखती है और नाबालिग लड़की के कथित अपहरणकर्ता से प्रेम करने को भी भारतीय दंड संहिता के तहत ‘‘वैध बचाव के तौर पर नहीं माना जा सकता है।’’ अदालत ने कहा कि दुष्कर्म पूरे समाज के खिलाफ एक अपराध है और इससे ‘‘नाबालिग बच्ची के पास आरोपी की बात मानने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है।’’

शादी कर लेने से पाप धुल नहीं जाता

अदालत ने 22 जुलाई को दिए अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उसने एक मंदिर में पीड़िता के साथ शादी कर ली, लेकिन इससे अपराध का पाप धुल नहीं जाता क्योंकि पीड़िता नाबालिग थी और घटना के वक्त उसकी उम्र 15 साल थी।’’ उसने कहा, ‘‘चूंकि ऐसे यौन शोषण के कारण पीड़िता और आरोपी ने कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शादी कर ली या बच्चे का जन्म हो गया, तो महज इससे किसी भी तरीके से याचिकाकर्ता का अपराध कम नहीं हो जाता, क्योंकि नाबालिग की सहमति का कानून में कोई मायने नहीं है।’’

अभियोजन ने याचिकाकर्ता की जमानत याचिका का विरोध किया और अदालत को बताया कि कथित घटना के वक्त वह करीब 27 साल का था। उसने यह भी कहा कि नाबालिग पीड़िता की सहमति का कानून में कोई मतलब नहीं है। अदालत ने कहा कि नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना भी दुष्कर्म है, चाहे उसकी सहमति हो या न हो तथा नाबालिग का यौन शोषण एक जघन्य अपराध है, जिससे सख्ती से निपटे जाने की आवश्यकता है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement