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Delhi High Court: केजरीवाल सरकार पर गिरी एक और गाज, इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

Delhi High Court: उन्होंने कहा, ‘‘कुछ स्कूलों में दो घंटे की कक्षाएं चल रही हैं, जबकि कुछ स्कूल छात्रों को वैकल्पिक दिनों पर बुला रहे हैं। मैंने बार-बार उन्हें पत्र लिखा है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया, कोई कार्रवाई नहीं हुई।’’

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: September 15, 2022 15:04 IST
High Court of Delhi- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO High Court of Delhi

Highlights

  • छात्रों को हर दिन केवल दो घंटे पढ़ाया जाता है
  • 'सरकार ने इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया'
  • एक NGO ने दायर की थी जनहित याचिका

Delhi High Court: दिल्ली सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। दिल्ली सरकार पर घोटलों के आरोपों के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सरकार को नोटिस भेजा है। हाईकोर्ट ने उस याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में कुछ सरकारी स्कूलों में महज दो घंटे पढ़ाई हो रही है और कुछ में तो विद्यार्थियों को वैकल्पिक दिनों पर बुलाया जा रहा है।

निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन

चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन (NGO) ‘सोशल जूरिस्ट’ की जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। एनजीओ ने दलील दी है कि इन परिस्थितियों में संविधान के तहत दिए गए शिक्षा के मौलिक अधिकार और बच्चों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है।

‘हर कोई सरकारी स्कूलों में दाखिला कराने पहुंचा है’

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कोविड-19 के बाद ‘हर कोई सरकारी स्कूलों में दाखिला कराने पहुंचा है’ और सरकार ‘घनी आबादी’ वाले इलाके में बुनियादी ढांचे और अन्य मुद्दों के प्रति सजग है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार उन इलाकों में बुनियादी ढांचे और जमीन की उपलब्धता के प्रति सजग है। कोविड-19 के बाद हर कोई सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए पहुंच रहा है।’’

'सरकार ने इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया'

याचिकाकर्ता की पैरवी कर रहे वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि अप्रैल 2022 से यह स्थिति बनी हुई है और सरकार ने इसे हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ स्कूलों में दो घंटे की कक्षाएं चल रही हैं, जबकि कुछ स्कूल छात्रों को वैकल्पिक दिनों पर बुला रहे हैं। मैंने बार-बार उन्हें पत्र लिखा है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया, कोई कार्रवाई नहीं हुई।’’

छात्रों को हर दिन केवल दो घंटे पढ़ाया जाता है

अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है, ‘‘एसकेवी खजूरी, एसबीवी खजूरी, जीजीएसएसएस सोनिया विहार और जीबीएसएसएस सोनिया विहार के विद्यार्थियों ने शिकायत की है कि उन्हें हर दिन केवल दो घंटे पढ़ाया जाता है, जबकि जीजीएसएसएस खजूरी, जीबीएसएसएस करावल नगर और जीजीएसएसएस सभापुर के विद्यार्थियों ने शिकायत की है कि उनसे वैकल्पिक दिनों पर स्कूल आने के लिए कहा गया है।’’

हर स्कूल में औसतन 5,000 से 6,000 स्टूडेंट रजिस्ट्रर्ड

याचिकाकर्ता ने कहा कि इनमें से प्रत्येक स्कूल में औसतन 5,000 से 6,000 स्टूडेंट रजिस्ट्रर्ड हैं और यह ‘बहुत चिंताजनक स्थिति’ है कि दिल्ली सरकार इन छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रही है। मामले पर अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी। 

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