शराब घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। केजरीवाल की जमानत अर्जी को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज दोपहर 2:30 बजे सीएम केजरीवाल की सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और जमानत याचिका पर फैसला सुनाया है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में 29 जुलाई को अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई हुई थी। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
'केजरीवाल ही दिल्ली शराब नीति केस के असली सूत्रधार'
CBI की ओर से विशेष वकील डीपी सिंह पैरवी की थी। वहीं, केजरीवाल की ओर से एन हरिहरन और अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखी थी। सीबीआई ने कहा था कि केजरीवाल ही दिल्ली शराब नीति केस के असली सूत्रधार हैं। उनकी गिरफ्तारी के बिना मामले की जांच नहीं की जा सकती थी। एक महीने के भीतर हमने चार्जशीट दाखिल कर दी।
सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को अरेस्ट किया था। कोर्ट ने केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया, BRS नेता के कविता समेत बाकी आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ाई थी।
केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका
वहीं, आपको बता दें कि एल्डरमैन को नियुक्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी यानी दिल्ली नगर निगम में 10 ‘एल्डरमैन’ को मनोनीत करने के एलजी के फैसले पर मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल स्वतंत्र रूप से एमसीडी में 10 एल्डरमैन को नामित कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रीपरिषद की सलाह की जरूरत नहीं है।
एल्डरमैन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आप सरकार को झटका देते हुए कहा, ''दिल्ली नगर निगम में 10 ‘एल्डरमैन’ को मनोनीत करने के लिए उपराज्यपाल स्वतंत्र हैं।'' चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) में एल्डरमैन की नियुक्ति के मामले में एलजी को दिल्ली सरकार की सलाह की जरूरत नहीं है।
यह भी पढ़ें-
"खतरे में है अरविंद केजरीवाल की जिंदगी", रैली में सुनीता केजरीवाल ने क्यों कही ये बात
केजरीवाल के परिवार से मिलीं ममता बनर्जी, माता-पिता के पैर छूकर लिया आशीर्वाद; VIDEO