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Delhi High Court: "अदालतें ‘कैसीनो’ नहीं हैं..." जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों की ये टिप्पणी

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एक बेहद तीखी टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि एक वादी के लिए कोर्ट कानूनी दावे के रूप में दांव लगाने के लिए कोई ‘कैसीनो’ (जुए का अड्डा) नहीं है। 

Reported By : PTI Edited By : Swayam Prakash Published on: July 04, 2022 23:56 IST
Delhi High Court- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Delhi High Court

Highlights

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने की बेहद तल्ख टिप्पणी
  • कानूनी दाव लगाने के लिए कोर्ट कसीनो नहीं
  • न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कही ये बात

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एक बेहद तीखी टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि एक वादी के लिए कोर्ट कानूनी दावे के रूप में दांव लगाने के लिए कोई ‘कैसीनो’ (जुए का अड्डा) नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि निष्पक्ष रहने के लिये न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बनाने वाले बेईमान वादी की शरारत, धोखे या धोखाधड़ी के प्रति उसकी आंखें बंद हैं। 

"बेईमान वादियों के दावों को मंजूरी देने की जगह नहीं" 

न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि अदालत गंभीर और वास्तविक दावे पेश करने का मंच है और यह बेईमान वादियों के झूठे दावों के लिए न्यायिक मंजूरी प्राप्त करने की जगह नहीं है। न्यायमूर्ति ने कहा कि जब उनकी बेईमानी पकड़ी जाए तो उन्हें अपने बेईमान दावे को वापस लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। न्यायाधीश ने कहा कि अदालत में धोखाधड़ी या कपटपूर्ण आचरण पूरी कार्यवाही को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि यदि अदालत को ऐसा लगता है कि धोखाधड़ी की जा रही है, तो उसे वादी को किसी भी तरह का लाभ नहीं लेने देना चाहिए और इस तरह के किसी भी प्रयास को शुरू में ही समाप्त कर देना चाहिए। 

किस मामले की सुनवाई पर कोर्ट ने की ये टिप्पणी

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान की। इस मामले में वादी और प्रतिवादी एक संपत्ति के खरीदार और विक्रेता हैं और बिक्री के संबंध में संभावित अवैध लेनदेन को सार्थक बनाने के लिए निर्देश प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, याचिकाकर्ता मामले में जांच से बचने के लिए अब उसे वापस लेने की अनुमति मांग रहा था।

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने न्यायमूर्ति शर्मा

न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में मंगलवार को यहां शपथ ग्रहण की। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राज निवास में आयोजित एक समारोह में 60 वर्षीय न्यायमूर्ति शर्मा को शपथ दिलाई। इस समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती और मदनलाल भी शामिल हुए। इस दौरान वरिष्ठ न्यायाधीश एवं वकील भी मौजूद रहे। न्यायमूर्ति शर्मा इससे पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे रहे थे।

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