नई दिल्ली: कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों को पांच दिनों के इंस्टीच्यूश्नल क्वरन्टीन में रहना अनिवार्य करने को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि इस तरह के कठोर आदेश वैसे मरीजों को भी इंस्टीच्यूशनल क्वारन्टीन से गुजरने के मजबूर कर रहे हैं जिन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं है। याचिका में यह दलील दी गई है कि जब सरकार रोगियों को पर्याप्त संख्या में बिस्तर और नर्स उपलब्ध कराने में असमर्थ है, ऐसी स्थिति में सिर्फ उन्हीं लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने या इंस्टीच्यूशनल क्वारन्टीन की जरूरत है जिनकी हालत गंभीर है या फिर जिन लोगों को प्रॉब्लम हो रही है।