नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी सरकार और नगर निकायों को भूकंप से निपटने के लिये कार्य योजना बनाने का मंगलवार को निर्देश दिया। राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में अप्रैल से अब तक कई बार भूकंप आ चुका है, जिसके मद्देनजर अदालत ने यह हिदायत दी है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने दिल्ली सरकार, तीनों नगर निगम, छावनी बोर्ड, डीडीए और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को बड़ा भूकंप आने की सूरत में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए या प्रस्तावित कदमों की जानकारी देते हुए हलफनामा दायर करने के लिये कहा है।
पीठ ने दिल्ली सरकार और नगर निकायों को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 15 जून तक स्थगित कर दी। अदालत ने अधिकारियों से यह भी कहा कि अगर ऐसी कोई कार्य योजना है, तो लोगों को उससे अवगत कराया जाए। अदालत के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है। उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता अर्पित भार्गव और डी के शर्मा की अर्जी पर यह आदेश दिया है।
अर्जी में दावा किया गया है कि अधिकारी और दिल्ली सरकार ने कार्य योजना बनाने के अदालत के कई निर्देशों के बावजूद अबतक कुछ नहीं किया है। उन्होंने अपने आवेदन में, दिल्ली सरकार और नगर निकायों को समयबद्ध तरीके से कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। याचिका में भार्गव ने कहा है कि दिल्ली में 12 अप्रैल के बाद से करीब 11 बार भूकंप आ चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार बड़ा भूकंप भी आ सकता है। इसलिये उन्होंने तत्काल निर्देश जारी करने के लिये अदालत का रुख किया है।