नई दिल्ली। दिल्ली सरकार का दावा है कि कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बावजूद दिल्ली में मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा रहा है। दावा ये भी है कि कोरोना वायरस से बड़े शहरों में प्रति दस लाख जनसंख्या पर हुई औसत मौतों के मामले में दिल्ली 15वें स्थान पर है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "कोरोना वायरस से होने वाली मौतों के मामले में अधिकांश मेट्रो शहरों में भी दिल्ली सबसे पीछे है। दिल्ली में प्रति दस लाख जनसंख्या पर औसतन मुंबई, चेन्नई, कोलकत्ता और अहमदाबाद से कम मौत हुई हैं।"
मुख्यमंत्री आवास पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी जिलों के डीएम समेत स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को एहतियातन सरकारी अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाने संबंधी निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "कोरोना वायरस के कारण सभी मेट्रो शहरों के मुकाबले सबसे कम मौत दिल्ली में हुई हैं।" गौरतलब है कि दिल्ली में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना से 121 व्यक्तियों की मौत हुई है। दिल्ली में लगातार बीते कई दिनों से प्रतिदिन 100 से अधिक लोग कोरोना के कारण अपनी जान गवा रहे हैं।
दिल्ली सरकार के मुताबिक कोरोना महामारी के इस दौर में पराली जलाने के कारण उत्पन्न हुए प्रदूषण से हालात विकराल हुए हैं। बीते 15 दिन में वायु प्रदूषण के कारण पहले से अधिक कोरोना रोगियों की मृत्यु हो रही है। कोरोना के कारण होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से कोरोना वायरस की जांच बड़े स्तर पर की जा रही है। दिल्ली की 2 करोड़ आबादी में से 48.8 लाख लोगों की जांच हो चुकी है। दिल्ली के अस्पातलों में बेड़ों की क्षमता बढ़ाई गई। साथ ही मरीजों के लिए आईसीयू और ऑक्सीजन बेड बढ़ाए गए। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से 1000 अतिरिक्त आईसीयू बेड दिल्ली वालों के लिए आरक्षित करने की अपील भी की है।
सत्येंद्र जैन ने कहा, "कोरोना के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए कोरोना वायरस के मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई और प्लाज्मा थेरेपी की गई। कोरोना वायरस के लक्षणों और जांच को लेकर लोगों को जागरूक किया गया। बड़े स्तर पर कोरोना जांच कराने के लिए जागरूकता अभियान दिल्ली के भीतर चलाए गए।"