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दिल्ली: यमुना के किनारे रहने वालों को हाईकोर्ट का फरमान, तीन दिन में खाली कर दो जगह, वरना...

अदालत ने डीडीए को तीन दिनों के बाद झुग्गियों को गिराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्देश दिया और कहा कि याचिकाकर्ताओं या उनके परिवारों को आगे कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Mar 15, 2023 23:20 IST, Updated : Mar 15, 2023 23:21 IST
दिल्ली हाईकोर्ट
Image Source : FILE दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने यहां यमुना की बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में झुग्गियों में रहने वाले लोगों को तीन दिन के अंदर अपनी झुग्गियां खाली करने का बुधवार को आदेश दिया और कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड को 50-50 हजार रुपये का भुगतान करना होगा और दिल्ली विकास प्राधिकरण उनकी झुग्गियों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। अदालत को सूचित किया गया कि उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली एक समिति ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के नौ जनवरी के निर्देशों के मद्देनजर यमुना नदी को साफ करने के निर्देश जारी किये हैं। इसके बाद अदालत का यह आदेश आया। 

अदालत ने उन क्षेत्रों के निवासियों की एक याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘‘पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की अनुमति दी जा सकती है। क्षेत्र के संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) उक्त कार्रवाई के दौरान सभी आवश्यक समर्थन प्रदान करेंगे।’’ डीडीए ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम.सिंह को बताया कि एनजीटी ने यमुना का जल प्रदूषित होने से संबंधित मामले पर फिर से गौर किया था, जिसके बाद 27 जनवरी को एक उच्च-स्तरीय समिति ने नदी के प्रदूषण को नियंत्रित करने और वहां से अतिक्रमण हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए थे। 

'अतिक्रमण हटाने के बाद निवासी दो बार उसी स्थान पर वापस आ गए'

डीडीए की ओर से पेश वकील प्रभासहाय कौर ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के बाद निवासी दो बार उसी स्थान पर वापस आ गए। न्यायाधीश ने डीडीए की वकील की दलीलों पर गौर किया और निवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा, ‘‘आप यमुना नदी पर कब्जा कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि इससे कितना नुकसान हो रहा है?” अदालत बेला एस्टेट में यमुना की बाढ़ से प्रभावित होने वाले मैदानी क्षेत्रों में स्थित मूलचंद बस्ती के निवासियों की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि डीडीए और दिल्ली पुलिस के अधिकारी अगस्त 2022 में उनके पास आए थे और उन्हें झुग्गियां खाली करने को कहा था। याचिका के अनुसार, झुग्गियां खाली नहीं करने की स्थिति में उन्हें ध्वस्त किए जाने की धमकी दी गई थी। 

तीन दिनों बाद शुरू करिए अतिक्रमण हटाने का अभियान 

अदालत ने डीडीए को तीन दिनों के बाद झुग्गियों को गिराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्देश दिया और कहा कि याचिकाकर्ताओं या उनके परिवारों को आगे कोई रियायत नहीं दी जाएगी। डीडीए की वकील ने अदालत से कहा कि निवासियों ने अवमानना याचिका भी दायर की है, लेकिन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का कोई मामला नहीं बनता है। अदालत ने अवमानना याचिका का भी यह कहते हुए निपटारा कर दिया कि अवमानना का कोई मामला नहीं बनता है। उसने कहा, ‘‘आप अधिकारियों को डराने के लिए अवमानना कार्यवाही का इस्तेमाल नहीं कर सकते।’’

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