दिल्ली सरकार ने सर्दियों में होने वाले प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अभी से काम करना शुरू कर दिया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आने वाले खतरे से निपटने को लेकर अपना आगे का प्लान सामने रखा। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के लोगों को जिस तरह से प्रदूषण का सामना हर साल करना पड़ता है, हमारी सरकार बनने पर युद्ध स्तर पर काम शुरू हुआ। चाहे प्रदूषण का कोई भी सोर्स हो, सरकार ने उसपर चौतरफा हमला किया जिसका परिणाम है कि प्रदूषण में गिरावट दर्ज की जा रही है।
प्रदूषण के हॉट स्पॉट के लिए बनाई गई 13 टीमें
गोपाल राय ने बताया कि PM 10 में 42% और PM 2.5 में 46 प्रतिशत की कमी आयी है। सबसे प्रदूषित दिनों की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है। पिछले साल ये सिर्फ 6 दिन का था। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि विंटर एक्शन प्लान के लिए सरकार ने आज 28 विभाग के अधिकरियों के साथ बैठक की है। इनके लिए 15 प्वाइंट चिन्हित किये गए हैं और इन सभी को कहा गया है कि अपने-अपने विभाग के विंटर एक्शन प्लान दें। दिल्ली के 13 हॉट स्पॉट के लिए 13 टीम बनाई गई हैं। ये लोग अलग से स्पेशल विंटर एक्शन प्लान बनाएंगे। राय ने कहा कि इस मीटिंग में 15 फोकस प्वाइंट बनाकर अलग-अलग विभागों को विंटर एक्शन प्लान की जिम्म्मेदारी दी गयी है। 1 अक्टूबर को दिल्ली का विंटर एक्शन प्लान जारी किया जाएगा।
दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन पर भी विचार
इतना ही नहीं गोपाल राय ने बताया कि आर्टिफिशियल रेन को लेकर पिछली बार जब हमने मीटिंग की थी तब IIT कानपुर से कहा था कि दिल्ली में सर्दी के दिनों में आर्टिफिशियल रेन करने के प्लान दें। लेकिन इसके लिए दिल्ली की हवा में कितनी नमी है, ये महतवपूर्ण है। IIT कानपुर को आर्टिफिशियल रेन करने में कई जगहों पर सफलता मिल चुकी है। लेकिन हमने उन्हें कहा है कि दिल्ली केंद्रित प्लान हमें दें।
विंटर एक्शन प्लान के तहत मुख्य तौर पर 15 सूत्रीय फोकस बिंदु चिंहित किए गए हैं। जिस पर सरकार आगामी दिनों में प्रमुखता के साथ काम करेगी और इसी के आधार पर आगे का विंटर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। ये हैं वो 15 फोकस बिंदु और उनकी नोडल एजेंसी:
- हॉट स्पॉट- हॉट स्पॉट पर निगरानी का काम करने के लिए एमसीडी , डीपीसीसी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, डीडीए, डीएसआईआईडीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
- पराली- पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या को लेकर विकास एवं राजस्व विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
- धूल प्रदूषण- धूल प्रदूषण के लिए पीडब्लूडी, एमसीडी, डीसीबी, एनडीएमसी, डीडीए, सीपीडब्लूडी, आई एन्ड एफसी, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली मेट्रो और राजस्व विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।
- वाहनों से होने वाले प्रदूषण- इसके लिए नोडल एजेंसी के तौर पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग, डीआईएमटीएस, डीटीसी, दिल्ली मेट्रो और जीएडी को नियुक्त किया गया है।
- ओपन कूड़ा बर्निंग- इसके लिए नोडल एजेंसी के तौर पर एमसीडी, एनडीएमसी, डीसीबी, विकास विभाग, आई एन्ड एफसी, दिल्ली फायर सर्विस, डीडीए और राजस्व विभाग को नियुक्त किया गया है।
- औद्योगिक प्रदूषण के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर एमसीडी, राजस्व, डीएसआईआईडीसी और डीपीसीसी को नियुक्त किया गया है।
- ग्रीन वार रूम और ग्रीन ऐप- इसको और बेहतर बनाने के लिए डीपीसीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
- रियल टाईम अपोरशमेंट स्टडी- इसके लिए आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। जिससे कि रियल टाईम प्रदूषण से संबंधित कारणों का पता चल सके। डीपीसीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
- पटाखे पर प्रतिबंध- पटाखे जलाने पर रोक लगाने के लिए भी पर्यावरण विभाग और दिल्ली पुलिस को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
- हरित क्षेत्र को बढ़ाना/वृक्षारोपण- दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए वन विभाग को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
- अर्बन फार्मिग के लिए नोडल एजेंसी पर्यावरण और वन विभाग को बनाया गया है।
- ई-वेस्ट ईको पार्क- भारत का पहला ई वेस्ट ईको पार्क जीरो वेस्ट पॉलिसी पर बनाया जा रहा है। इसकी नोडल एजेंसी पर्यावरण विभाग, डीएसआईआईडीसी और एमसीडी को नियुक्त किया गया है।
- जनजागरूकता/जन भागीदारी- इसके लिए नोडल एजेंसी पर्यावरण विभाग/DPCC को नियुक्त किया गया है।
- केन्द्र सरकार एवं पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद- दिल्ली में देखा गया है कि प्रदूषण को बढ़ाने में आसपास के राज्य के कारक भी प्रमुख भूमिका निभाते है, इसी कारण केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके लिए नोडल एजेंसी पर्यावरण विभाग को नियुक्त किया गया है।
- ग्रेप का क्रियान्वयन
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