दिल्ली : दिल्ली के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केजरीवाल सरकार की अपनी बिजली सब्सिडी योजना को संशोधित करने की कोई योजना नहीं है और यह उपभोक्ताओं को स्वीकृत भार के किसी भी प्रतिबंध के बिना जारी रहेगी। बिजली मंत्री आतिशी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने 2020 में दिल्ली सरकार को एक वैधानिक परामर्श जारी किया, जिसमें कहा गया था कि सरकार बिजली सब्सिडी गरीब और जरूरतमंद उपभोक्ताओं को सीमित करने पर विचार करे।
24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए सरकार प्रतिबद्ध
डीईआरसी ने इस साल छह जनवरी को परामर्श यह कहते हुए वापस ले लिया कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। पिछले हफ्ते, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार से कहा कि वे बिजली विभाग को डीईआरसी का परामर्श मंत्रिपरिषद के समक्ष रखने और 15 दिनों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दें। आतिशी ने कहा, “दिल्ली सरकार लोगों को चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसा कि हाल ही में बताया गया, सब्सिडी योजना को संशोधित करने की कोई योजना नहीं है। उपराज्यपाल को शायद गलत जानकारी दी गई, क्योंकि डीईआरसी ने अपनी वैधानिक सलाह वापस ले ली है।”
उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को दिया था निर्देश
बता दें कि बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने को लेकर डीईआरसी की सलाह नहीं माने जाने के मामले को एलजी ने गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार से 15 दिनों के अंदर इस संबंध में निर्णय लेने को कहा था। दिल्ली में समृद्ध लोगों को बिजली सब्सिडी नहीं देने के दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की सलाह पर उपराज्यपाल ने कैबिनेट को फैसला लेने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार से कहा है कि बिजली विभाग को डीआरसी की वैधानिक सलाह को कैबिनेट के समक्ष रखकर 15 दिनों के अंदर फैसला लिया जाए।
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