नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने 10वीं और 12वीं क्लास के बच्चों के लिए स्कूल आने को लेकर दिशा-निर्देश (SOP/स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दिए हैं। दिल्ली के स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा के बच्चे बोर्ड एग्जाम के लिए नामांकन, काउंसलिंग, गाइडेंस और प्रैक्टिकल आदि के लिए गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल आ सकते है। बता दें कि, रविवार को ही दिल्ली सरकार ने 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए एडमिशन संबंधित मामलों के लिए, काउंसलिंग या गाइडेंस के लिए या फिर बोर्ड एग्जाम के प्रैक्टिकल संबंधित एक्टिविटीज के लिए स्कूल आने की अनुमति दी थी। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि COVID लक्षण वाले छात्रों/शिक्षकों को स्कूलों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
दिल्ली सरकार ने 10 से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल जाने की अनुमति देने के एक दिन बाद मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की, जिसके तहत छात्रों को स्कूल बुलाने से पहले अभिभावकों की लिखित अनुमति लेनी होगी, विद्यार्थियों के शरीर का तापमान लिया जाएगा और उन्हें पुस्तकों आदि का लेन-देन करने की अनुमति नहीं होगी।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने आठ अगस्त को 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को सोमवार से प्रवेश प्रक्रिया और बोर्ड परीक्षा से जुड़ी प्रयोगात्मक गतिविधियों के लिए स्कूल जाने की अनुमति दे दी थी। साथ ही कहा था कि स्कूल परिसरों में चल रहे स्वास्थ्य जांच शिविर बहाल किए जा सकते हैं।
दिल्ली के शिक्षा निदेशालय (डोओई) द्वारा जारी एसओपी में कहा गया, ‘‘स्कूल आने वाले सभी विद्यार्थियों के अभिभावकों से लिखित में इसकी अनुमति प्राप्त करनी होगी। अगर विद्यार्थी स्वास्थ्य संबंधी सेवा के लिए स्कूल जाता है तो उसके साथ माता-पिता या अभिभावक होने चाहिए। उन विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन व डिजिटल कक्षाएं जारी रहेंगी, जो ऐसा करना चाहते हैं और ऐसे में उन छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं की अनुमति दी जा सकती है।’’
निदेशालय ने कहा कि संबंधित स्कूल के प्रमुख कक्षाओं और प्रयोगशालाओं की क्षमता के अनुरूप समय सारिणी बनाएंगे ताकि कोविड अनुकूल व्यवहार का अनुपालन किया जा सके। एसओपी में कहा गया, ‘‘हर समय सभी द्वारा सामाजिक दूरी, मास्क पहनने जैसे एहतियाती उपायों का पालन करना होगा। विद्यार्थियों को निर्देशित किया जा सकता है कि वे अपनी पुस्तकों, नोटबुक,स्टेशनरी के अन्य सामान साझा नहीं करें।’’
विभाग ने निर्देश दिया कि स्कूल आने वाले सभी कर्मचारियों और विद्यार्थियों के शरीर के तापमान की जांच करने के बाद ही स्कूल परिसर में प्रवेश दिया जाए और जुकाम,खांसी, बुखार या फ्लू जैसे लक्षण होने पर स्कूल नहीं आने दिया जाए। एसओपी में कहा गया है, ‘‘स्कूल परिसर को उचित तरीके से रोगाणु मुक्त करने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए, खासतौर पर शौचालय आदि की। स्कूलों के प्रमख सुनिश्चित करें कि सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का प्राथमिकता के अधार पर टीकाकरण हो।’’