Highlights
- दिल्ली में प्रदूषण को लेकर केजरीवाल का फैसला
- राजधानी में मध्यम और भारी वाहनों की एंट्री बैन
- इसी साल अक्टूबर से लागू हो जाएया नया नियम
Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में सर्दियों की दस्तक के साथ ही हर साल प्रदूषण का तांडव शुरू हो जाता है। यही कारण है कि इस साल दिल्ली सरकार कई महीनों पहले से ही अलर्ट मोड पर है। दरअसल, केजरीवाल सरकार ने आने वाले सर्दियों के मौसम में प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए राजधानी में मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने इन वाहनों पर ये रोक 1 अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक के लिए लगाई है।
दिल्ली में सिर्फ बीएस-6 बसों की एंट्री
दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण को रोकने के लिए न सिर्फ मध्यम और भारी वाहनों के आने पर तो रोक लगाई ही है साथ ही बसों को लेकर भी बड़ा कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए हरियाणा सरकार से अपील की है कि 1 अक्टूबर 2022 से राजधानी में केवल बीएस -6 के अनुपालन वाली बसों को ही प्रवेश दिया जाएगा। एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) पहले ही निर्देश जारी कर बता चुका है कि, दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को चलने की अनुमति नहीं है।
ऐसे में दिल्ली परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त ओपी मिश्रा ने पत्र में हरियाणा सरकार को लिखा है कि पहले ही राजधानी में सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से सीएनजी में कर दिया गया है। वहीं दूसरे राज्यों से दिल्ली में आने वाली बसों में डीजल का इस्तेमाल अभी तक जारी है। ऐसे में दिल्ली सरकार हरियाणा से सहयोग की उम्मीद करते हुए एक अक्टूबर से दिल्ली में सिर्फ बीएस-6 बसों को ही अनुमति देने की बात कही है।
ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ भी लिया ये फैसला
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण पर भी नकेल कसने को लेकर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने खास प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के तहत नागरिक निकायों के अधिकारियों और थानाध्यक्षों को खास जिम्मेदारी दी गई है ताकि वे ध्वनि प्रदूषण का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई एक्शन ले सकें। इतना ही नहीं प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली पर्यावरण विभाग ने ध्वनि प्रदूषण नियमों की अनदेखी करने वालों पर थाना प्रभारी (एसएचओ) को मुकदमा चलाने तक की जिम्मेदारी दी है।