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दिल्ली सरकार ने छात्रों के लिए आवंटित किए थे 60 करोड़ रुपये, योजना के प्रचार में उड़ा दिए 52.52 करोड़

दिल्ली सरकार की एक आंतरिक रिपोर्ट में यह सामने आया कि दिल्ली सरकार ने एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट करिकुलम योजना के वितरण के विज्ञापनों पर 52.52 करोड़ रुपये खर्च किए।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: December 03, 2022 21:10 IST
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

दिल्ली सरकार की एक इंटरनल रिपोर्ट से चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इस आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों के बीच उद्यमशीलता (Entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए कक्षा 9 से 12 के लिए शुरू किए गए एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट करिकुलम पर दिल्ली सरकार ने 2021-2022 में परियोजना के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। एक सूत्र ने यह जानकारी दी कि इस आवंटन में से केवल 56.14 करोड़ रुपये प्रति छात्र 2,000 रुपये का अनुदान देने के लिए स्कूल को उसके व्यावसायिक विचार को आगे बढ़ाने के लिए वितरित किया गया था। 

विज्ञापनों पर 52.52 करोड़ रुपये खर्च किए

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि दिल्ली सरकार ने इस योजना के वितरण के विज्ञापनों पर 52.52 करोड़ रुपये खर्च किए। सूत्र ने कहा कि नवंबर 2021 से जनवरी 2022 तक केवल दो महीनों के दौरान अलग-अलग टीवी चैनलों पर आप सरकार द्वारा केवल 24 टीमों वाले 8 एपिसोड के प्रसारण पर कुल 28,79,20,000 रुपये (करीब 29 करोड़) खर्च किए गए। रिपोर्ट बताती है कि डीआईपी ने प्रिंट मीडिया, टीवीसी प्रोमो, रेडियो, आउटडोर और डिजिटल चैनलों पर 23,73,04,357.56 रुपये (करीब 24 करोड़) की अतिरिक्त राशि खर्च की।

प्रति छात्र केवल 2,000 रुपये
सूत्र ने कहा, यह एक परियोजना के प्रचार के नाम पर 52.52 करोड़ रुपये खर्च करने के औचित्य का उपहास करता है, जो वास्तव में एक उद्यमशीलता (Entrepreneurship) के विचार को बनाने और क्रियान्वित करने के लिए प्रति छात्र केवल 2,000 रुपये दे रहा है। आंतरिक नोट ईएमसी के तहत उद्यमिता मानसिकता को विकसित करने के लिए लागू वास्तविक इनपुट और प्रक्रिया के बारे में कुछ भी नहीं बताता है।

इसमें स्कूल स्तर पर विकसित किए जा रहे किसी विशेषज्ञ जुड़ाव, उद्यमिता प्रयोगशाला (Entrepreneurship laboratory) या ऊष्मायन केंद्र (Incubation center) के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है। छात्रों द्वारा सृजित उद्यमी विचारों के क्षेत्र या विषय या परियोजना के किसी वास्तविक प्रभाव के बारे में बिल्कुल कोई जानकारी नहीं है। सूत्र ने आगे दावा किया, रिपोर्ट में पाठ्यक्रम सामग्री के उद्देश्यों और प्रति छात्र 2,000 रुपये के संवितरण पर केवल कुछ लाइनें लिखी हैं।

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