चंडीगढ़: पहाड़ों में हो रही भारी बरसात की वजह से दिल्ली में भी यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात की वजह से हरियाणा में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और सावधानी के तौर पर हरियाणा से हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार हथिनीकुंड बैराज के गेट खोले जाने के साथ दिल्ली को भी अलर्ट कर दिया गया है। दिल्ली में लगभग 1.60 लाख क्यूसेक अतीरिक्त पानी यमुना में आ सकता है जिस वजह से यमुना का जलस्तर बढ़ सकता है।
वहीं पश्चिमी यमुना नहर भी अपने उच्चतर स्तर पर चल रही है। जिले में यमुना से सटे इलाकों को खाली करने के निर्देश दे दिए गए हैं। हथिनीकुंड बैराज पर दोपहर एक बजे 159753 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। जो इस सीजन में सबसे ज्यादा है। सुबह 6 बजे यह पानी मात्र 23415 क्यूसेक था। सिंचाई विभाग द्वारा 70 हजार क्यूसेक को खतरे का निशान मानते हुए अलर्ट जारी किया जाता है।
हालांकि ढाई लाख क्यूसेक तक स्थिति कंट्रोल में रहती है और बाढ़ घोषित नहीं की जाती। वहीं जिला प्रशासन ने दिल्ली को अलर्ट भेज दिया है। अगले 72 घंटे में यह पानी दिल्ली पहुंच जाएगा। इससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। वहीं यमुनानगर प्रशासन ने करनाल, पानीपत और सोनीपत के उपायुक्त को ताजा स्थिति से अवगत करवाते हुए सावधानी बरतने की सूचना भिजवा दी है।
यमुना में पानी छोड़े जाने के बाद हरियाणा सहित दिल्ली में अलर्ट घोषित किया गया है। वही इस पानी को दिल्ली पहुंचने में 72 घण्टे लग सकते हैं। यमुनानगर के उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने बताया कि एसडीआरएफ कि टीम यमुनानगर पहुंच चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अलर्ट पर रखा गया है। इसके इलावा आर्मी से भी संपर्क स्थापित किया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है। निचले इलाकों में सूचनाएं भिजवाई जा रही हैं। प्रशासन पूरी नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि बाढ़ रोकथाम के लिए पहले से ही सभी कार्य पूर्ण कर लिया गए थे।
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