दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच आरोपियों की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने शरथ रेड्डी, अभिषेक बोइनपल्ली, विजय नायर, बिनॉय बाबू और समीर महेंद्रू को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें जमानत देने के लिए उचित आधार नहीं है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की FIR से उत्पन्न हुआ है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आबकारी विभाग के अन्य अधिकारियों को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।
सत्येंद्र जैन से CBI ने की थी पूछताछ
बता दें कि इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में पूछताछ की। सत्येंद्र जैन के अधिवक्ता ने बुधवार को इसकी जानकारी दी थी। अधिवक्ता ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस संबंध में पिछले शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के समक्ष एक आवेदन दिया था और उसे अनुमति दे दी गई। अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद सीबीआई ने सोमवार को नेता से पूछताछ की। सत्येंद्र जैन फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। हालांकि, वह आबकारी घोटाला मामले में आरोपी नहीं है।
गौरतलब है कि ईडी ने अपने पूरक आरोपपत्र में कहा था कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अब तक की गई जांच से पता चला है कि दिल्ली आबकारी नीति, 2021-22 को AAP के शीर्ष नेताओं द्वारा लगातार अवैध धन उत्पन्न करने और खुद के लिए चैनल बनाने के लिए बनाया गया था।
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