भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को दिल्ली आबकारी नीति के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर फिर से निशाना साधा और उनसे जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर की मांग के अनुसार लाई डिटेक्टर टेस्ट कराकर अपनी ‘ईमानदारी’ साबित करने को कहा। इसके साथ ही बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता का पैसा लूट रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मीडिया से बात करते हुए कथित घोटाले के मुद्दे पर केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा निर्देशित ‘लुटेरा’ फिल्म पिछले आठ वर्षों से राष्ट्रीय राजधानी में चल रही है। इस दौरान उन्होंने एक पोस्टर दिखाते हुए निशाना साधा। जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को ‘लुटेरा’ के रूप में दिखाया गया। एक दिन पहले केजरीवाल ने कहा था कि भाजपा को चंद्रशेखर को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहिए क्योंकि वह उसी पार्टी की भाषा बोल रहा है। जिसके बाद पूनावाला का यह बयान आया है।
'केजरीवाल के पास चंद्रशेखर के दावों को गलत साबित करने का अच्छा मौका है'
पूनावाला ने कहा, ‘‘केजरीवाल के पास अपने मंत्रियों सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत के साथ टेलीविजन पर सीधे प्रसारण में लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने और चंद्रशेखर के दावों को गलत साबित करने का अच्छा मौका है।’’ बता दें कि जेल में बंद चंद्रशेखर ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं पर वसूली के आरोप लगाए हैं और कहा है कि वह केजरीवाल और उनके मंत्रियों के साथ ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ कराने के लिए तैयार है।
नई शराब नीति से दिल्ली के खजाने में करोड़ों का नुकसान
पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ के जरिए अपनी ईमानदारी साबित कर सकते हैं लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे। पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल ‘‘शराब घोटाले’’ में प्राथमिकी रद्द करने के लिए अदालत का का रुख कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पूनावाला ने कहा, ‘‘केजरीवाल द्वारा निर्देशित लुटेरा फिल्म के कलाकारों में मनीष सिसोदिया हैं, जो शराब घोटाला मामले में आरोपी हैं।’’ साथ ही उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल नीत सरकार की अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति 2021-22 से दिल्ली के खजाने को 1800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप ने नीति में भ्रष्टाचार पर भाजपा के सवालों का जवाब देने की कभी परवाह नहीं की कि साढ़े सात महीने के दौरान सरकार को 1800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’’ पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल लोगों को यह बताने में भी विफल रहे हैं कि उन्होंने आबकारी नीति 2021-22 को वापस क्यों लिया। नीति में कथित अनियमितताओं की वर्तमान में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है। केजरीवाल ने शनिवार को कहा था, ‘‘इस नीति को 31 जुलाई से आगे बढ़ाया जाना था। सभी अधिकारियों को विस्तार न देने की धमकी दी गई थी। हमें इसे वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था। पंजाब में भी यही नीति लागू की गई है, जहां राजस्व में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’