दिल्ली में बढ़ रहा वायु प्रदूषण का स्तर कुछ समय के लिए रुक गया है। दिल्ली में आधी रात के बाद शुरू हुई बारिश के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई में कमी दर्ज की गई है। दिल्ली-एनसीआर में आज सबसे अधिक एक्यूआई आनंद विहार में दर्ज किया गया है। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि एक्यूआई स्तर पर बारिश का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा, 'एक्यूआई सूचकांक में सुधार हुआ है। हम ऑड-ईवन के कार्यान्वयन पर की गई स्टडी को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने जा रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश की आवश्यकता है।'
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर
वायु प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की आलोचना झेलनी पड़ी थी। इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामें में दिल्ली सरकार ने यह बताने की कोशिश की है कि आखिर ऑड-ईवन का असर प्रदूषण को कम करने के लिए कैसे किया जा सकता है। ऑड-ईवन को लेकर दिल्ली सरकार का कहना है कि इसको लागू करने से गाड़ियों की भीड़ शहर में घटती है। साथ ही लोगों द्वारा सार्वजनिक परिवहनों का ज्यादा संख्या में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं ईंधन की खपत में भी गिरावट आती है। दिल्ली सरकार ने हलफनामें में कहा कि दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड टैक्सी को दिल्ली में आने से रोकना पूरी तरह संभव नहीं है। ऐसे में ईंधन इस्तेमाल और उनके नंबर के आधार पर सीमित रोक जरूर लगाई जा सकती है।
ऑड-ईवन को कोर्ट ने बताया अवैज्ञानिक
बता दें कि दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की आलोचना की थी। बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए जिम्मेदार राज्य सरकारों को लताड़ लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण रोकना कोर्ट की जिम्मेदारी नहीं हो सकती है। सभी को इसमें भागीदार बना पड़ेगा। अपनी जिम्मेदारी लोगों को सुनिश्चित करनी होगी। दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए कोर्ट को क्या करना होगा इसको लेकर भी सरकार ने सवाल पूछा। बता दें कि दिल्ली सरकार दिल्ली में ऑड-ईवन को लागू करने कीयोजना बना रही है। हालांकि कोर्ट ने इसे नाकाफी बताया था और कहा था कि ऑड-ईवन प्रदूषण पर लगाम लगाने के सबसे अवैज्ञानिक तरीका है।