दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने शुक्रवार को जहांगीरपुरी जी-ब्लॉक स्थित एक एमसीडी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। शिक्षा मंत्री के मुताबिक इस दौरान स्कूल शुरू होने के बावजूद 15 में से स्कूल इंचार्ज समेत 13 शिक्षक नहीं पहुंचे। स्कूल में चारों ओर गंदगी का अंबार था। क्लासरूम की दीवारें और फ़र्श पर धूल भरी पड़ी थी। शौचालय भी बदत्तर स्थिति में थे।
डेस्क होने के बावजूद बच्चे फ़र्श पर बैठने को मजबूर
शिक्षा मंत्री ने देखा कि नगर निगम के इस स्कूल में डेस्क होने के बावजूद बच्चे फ़र्श पर बैठने को मजबूर हैं। स्कूल प्रमुख को इसकी कोई सुध-बुध नहीं है। इस बाबत शिक्षा मंत्री आतिशी ने कड़े शब्दों में डीडीई को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूल के मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी शिक्षकों और स्कूल प्रमुख के ख़िलाफ़ कड़ा एक्शन लिया जाए। साथ ही डीडीई को चेतावनी देते हुए कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर दोबारा उस ज़िले के किसी एक एमसीडी स्कूल में औचक निरीक्षण करेंगी, यदि सप्ताह भर में उनके अन्तर्गत आने वाले सभी स्कूलों में साफ़-सफ़ाई और शिक्षकों की लेट-लतीफ़ी की समस्याओं को दूर नहीं किया गया तो डीडीई के ख़िलाफ़ एक्शन लिया जाएगा।
बिना बताए छुट्टी पर 2 टीचर
शिक्षा मंत्री के मुताबिक स्कूल में केवल 15 में से 2 शिक्षक मौजूद थे। गेट पर गार्ड नहीं था, पूरे स्कूल में गंदगी फैली हुई है। स्कूल शुरू होने का समय निकलने के काफी देर बाद बाकी शिक्षकों ने स्कूल आना शुरू किया, जिसमें स्वयं स्कूल प्रमुख भी शामिल थी। इस लेट-लतीफ़ी पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को फटकार लगाई। साथ ही स्कूल में शिक्षकों के अटेंडेंस रजिस्टर को चेक करने पर पाया गया कि 2 शिक्षक ऐसे हैं, जो स्कूल प्रमुख को बिना बताए छुट्टी पर हैं।
कई कमरों में टूटी डेस्कें और कबाड़ भरा
शिक्षा मंत्री ने बताया कि जब उन्होंने क्लासरूम का निरीक्षण किया तो पाया कि बहुत से क्लास में बच्चे ज़मीन पर बैठने को मजबूर हैं, जबकि कई बंद क्लासरूम में डेस्क मौजूद है। इस पर सवाल करने पर स्कूल प्रमुख की ओर से जबाव नहीं मिल सका। उन्होंने देखा कि स्कूल परिसर, क्लासरूम, दीवारें, शौचालय गंदगी से अटी पड़ी है। कई कमरे ऐसे हैं, जहां स्टोर रूम के नाम पर टूटी डेस्कें और कबाड़ पड़ा है। स्कूल की इन सभी समस्याओं पर शिक्षा मंत्री ने सख़्त शब्दों में कहा कि, अब दिल्ली नगर निगम में शिक्षा को महत्व देने वाली सरकार है। शिक्षा को लेकर हमारा जीरो टॉलरेंस है इसलिए एमसीडी स्कूलों में जिन शिक्षकों का पढ़ने-पढ़ाने को लेकर ढुलमूल रवैया है वो अपनी इस आदत की बदल दें और ज़िम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभाएं।
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ये स्कूल, इसकी बदहाल हालत और यहां का वातावरण 15 सालों के भाजपा के कुशासन की कहानी बयां करता है और दिखाता है कि भाजपा के लिए शिक्षा कभी भी प्राथमिकता नहीं बनी लेकिन अब आप सरकार में ये सब बर्दाश्त नहीं होगा।
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