Thursday, November 28, 2024
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दिल्ली में फिर आया भूकंप, रिएक्टर स्केल पर 2.1 रही तीव्रता

दिल्ली में कम तीव्रता का भूकंप आया है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने इसकी जानकारी दी। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि दिल्ली में रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.1 मापी गई है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : June 08, 2020 13:52 IST
दिल्ली में फिर आया भूकंप, रिएक्टर स्केल पर 2.1 रही तीव्रता- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में फिर आया भूकंप, रिएक्टर स्केल पर 2.1 रही तीव्रता

नई दिल्ली: दिल्ली में कम तीव्रता का भूकंप आया है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने इसकी जानकारी दी। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि दिल्ली में रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.1 मापी गई है। बता दें कि इससे पहले पिछले डेढ़ महीने में दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 11 बार भूकंप के झटके आ चुके थे। बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में धरती के अंदर प्लेटों के एक्टिव होने से ऊर्जा निकल रही है, जिससे रह-रहकर झटके महसूस हो रहे हैं। 

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र(एनसीएस) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में 12, 13 और 16 अप्रैल को भूकंप के झटके लग चुके हैं। इसी तरह मई में भी भूकंप के झटकों के लगने का सिलसिला जारी रहा। 6, 10, 15 मई और 28 मई को दिल्ली-फरीदाबाद एनसीआर में झटके लगे। इसके बाद 29 मई को दो बार झटके लगे, जिसका केंद्र रोहतक रहा। वहीं, अब फिर 8 जून को दिल्ली में कम तीव्रता का भूकंप आया।

भूकंप आने पर क्‍या करें, क्या न करें

  1. भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
  2. बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  3. कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
  4. भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
  5. अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
  6. कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
  7. खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
  8. गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 

  1. 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  2. 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  3. 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  4. 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
  5. 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
  6. 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  7. 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  8. 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  9. 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

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