Highlights
- 2022 में हत्या के प्रयास करने का कुल 473 मामले दर्ज किया गया था
- दिल्ली में हर 12 मिनट में एक वाहन चोरी हो जाता है
- हर रोज मेट्रो में सफर करते हैं लेकिन कभी भी सुरक्षित महसुस नहीं करते हैं
Delhi Crime Rate: दिल्ली पुलिस ने बुधावर को एक आकंड़ा जारी किया है। इस आकड़े के मुताबिक, इस साल दिल्ली में क्राइम के मामले पिछले साल की अपेक्षा में काफी तेजी बढ़ी है। आकड़ो के मुताबिक, घरों में चोरी के मामलों में पिछले साल के 1,158 की तुलना में 7,561 मामलों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। 2021 में 2,485 घरेलू चोरी की सूचना दर्ज की गई थी। वही हत्या, डकैती, फिरौती के लिए अपहरण जैसे जघन्य अपराधों की घटनाओं में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 2022 के पहले छह महीनों में लगभग 13% की बढ़ोतरी हुई है। स्नैचिंग, सेंधमारी और वाहन चोरी जैसे गैर-जघन्य अपराधों के मामलों में भी 8% की वृद्धि हुई।
दिल्ली शहर में हत्या के 277 मामले इस साल जुलाई तक पाए गए जबकि 2021 में 235 से लगभग मामले दर्ज किए गए। वही 2022 में हत्या के प्रयास करने का कुल 473 मामले दर्ज किया गया था। 360 मामले 2021 में दर्ज किए गए तो वही लूट के मामले 1,110 से बढ़ गए हैं। वैसे तो दिल्ली के साथ साथ देश के हर कोने में स्नैचिंग आम बात हो गई है। सड़को पर चलना सुरक्षित नहीं लगता है। अब आपके फोन स्नैच हो जाए, आपको खुद नहीं पता है। स्नैचिंग को अक्सर गेटवे अपराध माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 4,468 मामले दर्ज किए गए जबकि 2022 में 5,024 तक मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
हर 12 मीनट पर एक वाहन होती है चोरी
अगर बात करें वाहन चोरी के मामलों की तो 2022 में 19,548 दर्ज किए गए जबकि पिछले साल यह 18,814 थी। दिल्ली शहर में सबसे किसी अधिक वाहन की चोरी होती है तो वह भारी वाहन। दिल्ली में भारी वाहन काफी चोरी होते हैं 2019 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में हर 12 मिनट में एक वाहन चोरी हो जाता है जबकि मुंबई में हर चार घंटे में एक और बेंगलुरु में हर दो घंटे में एक चोरी हो जाती है।
दिल्ली में महिलाएं कितनी सुरक्षित है
इस संबंध में हमने दिल्ली की कई महिलाओं से बात किया तो उन्होंने बताया कि हम अभी सुरक्षित महसुस नहीं करते हैं। दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने नाम न बताने के शर्त पर अपनी घटना हमारे साथ शेयर की। उन्होंने बताया कि हम हर रोज मेट्रो में सफर करते हैं लेकिन कभी भी सुरक्षित महसुस नहीं करते हैं क्योंकि मेट्रों में बैड टंचिग का शिकार होते हैं ऐसा नहीं है कि हम ही होते हैं, इस तरह के घटना की शिकार कई महिलाएं हुई होंगी। खासतौर सुबह में मेट्रों में काफी भीड़ होती है उस समय इस तरह का वाक्या देखने को मिलता है। कुछ महिलाएं आवाज तो उठा देती है लेकिन बाकी महिलाएं हंगामा ना खड़ा करने के कारण से कुछ नहीं बोल पाती है। वहीं मयूर विहार की रहने वाली वीणा कौर ने बताया कि सड़को पर चलने डर लगता है। हम सड़क पर फोन से बात नहीं कर सकते हैं क्योंकि फोन चोरी हो जाने का डर रहता है। आपको बता दें कि दिल्ली में इस साल अब तक 1100 से ज्यादा रेप के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से 15 जुलाई के बीच छेड़छाड़ और मारपीट के 1,480 मामले दर्ज किए गए। जो कि पिछले साल के अपेक्षा अधिक है।
प्रशासन क्या कर रही है
पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) सागर सिंह कलसी ने कहा कि ऑनलाइन मामले दर्ज करने की सुविधा ने प्रक्रिया को आसान और उपयोगकर्ता के अनुकूल बना दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तरी जिले में घर चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लोगों में घर चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जागरूकता फैला रही है. उन्होंने कहा कि लोगों से कहा जा रहा है कि वे वापस आने तक सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा के बारे में जानकारी साझा न करें, चोरी-रोधी उपकरण स्थापित करें, यहां तक कि पुलिस बल बार-बार अपराधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है।