Sunday, November 24, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. भयानक मंजर! दिल्ली में कोरोना से मतकों की संख्या बढ़ी, कब्रिस्तानों में कम पड़ने लगी जगह

भयानक मंजर! दिल्ली में कोरोना से मतकों की संख्या बढ़ी, कब्रिस्तानों में कम पड़ने लगी जगह

दिल्ली में कोरोना वायरस से दम तोड़ने वालों की संख्या बढ़ने के कारण कब्रिस्तान और श्मशान में संसाधनों की कमी पड़ने लगी है।

Written by: Bhasha
Published on: April 14, 2021 23:22 IST
दिल्ली में कोरोना से शवों की संख्या बढ़ी, श्मशान और कब्रिस्तानों में संसाधनों की दिक्कत- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में कोरोना से शवों की संख्या बढ़ी, श्मशान और कब्रिस्तानों में संसाधनों की दिक्कत

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस से दम तोड़ने वालों की संख्या बढ़ने के कारण कब्रिस्तान और श्मशान में संसाधनों की कमी पड़ने लगी है। आईटीओ के पास कब्रिस्तान अहले इस्लाम के मशकूर राशिद ने कहा, ‘‘इस दर से एक महीने में जमीन कम पड़ जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक सप्ताह से औसतन यहां रोज 10-15 शव दफनाए जा रहे हैं। कल 18 शव दफनाए गए।’’ 

शहर के मुख्य श्मशान निगमबोध घाट का संचालन करने वाले बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल संगठन के महासचिव सुमन गुप्ता ने भी कहा कि शवों की संख्या बढ़ गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर यहां रोज करीब 50-60 शव की अंत्येष्टि होती है। अब यह संख्या बढ़कर 80 हो गयी है।’’ कोविड-19 के कारण मौत की संख्या बढ़ने के कारण शहर में कब्रिस्तानों और श्मशानों में संसाधन की कमी पैदा हो गयी है। 

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण से अप्रैल के शुरुआती 13 दिनों में 409 लोगों की मौत हो गयी जबकि मार्च में 117 लोगों और फरवरी में 57 लोगों की मौत हुई थी। आईटीओ पर कब्रिस्तान की प्रबंधन समिति के सदस्य मशकूर राशिद ने कहा कि स्थानीय कब्रिस्तानों में जगह नहीं मिलने के कारण समूचे शहर से यहां पर शव लाए जा रहे हैं। 

हालांकि, शहर में कई कब्रिस्तानों का संचालन करने वाले दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान ने कहा कि शवों को दफनाने के लिए जगह की कोई कमी नहीं है। उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखकर दफनाने के लिए जमीन की व्यवस्था करने में मदद मांगी है। 

निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के शिकार हुए लोगों को दफनाने के लिए गहरी कब्र खोदनी पड़ती है और लोगों से खुदाई कराने पर लंबा समय लग जाएगा इसलिए जमीन खोदने वाली मशीनों की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘सामान्यत: कब्रों के लिए चार से पांच फुट तक खुदाई करनी पड़ती है लेकिन कोविड-19 के पीड़ितों के लिए जमीन की 12-14 फुट खुदाई करनी पड़ती है। संक्रामक वायरस के कारण कब्र के स्थान का दोबारा इस्तेमाल भी नहीं हो सकता।’’ 

निगमबोध घाट में अंत्येष्टि के लिए 22 स्थान हैं जहां पर चिता जलायी जाती है और वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों के दाह-संस्कार के लिए सीएनजी चालित छह भट्ठियों का इस्तेमाल हो रहा है। बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल संगठन के सुमन गुप्ता ने बताया, ‘‘पिछले पांच दिनों में कोविड-19 संक्रमण से मारे गए 100 से ज्यादा लोगों का दाह-संस्कार हुआ है।" 

उन्होंने बताया, "मंगलवार को 33 शवों की अंत्येष्टि हुई। हमने कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों के दाह-संस्कार के लिए खास खंड तैयार किया है जहां 22 जगहों पर अंत्येष्टि हो रही है। अगर जरूरत हुई तो दाह-संस्कार के लिए और स्थान तैयार किए जाएंगे।’’ 

उन्होंने बताया कि निगम बोध घाट के सभी कर्मचारियों को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी गयी है और संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें जरूरी सामान भी दिया गया है। 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement