Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. कोर्ट का आदेश- JNU छात्र शरजील इमाम पर चलेगा देशद्रोह का केस, CAA प्रोटेस्ट के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप

कोर्ट का आदेश- JNU छात्र शरजील इमाम पर चलेगा देशद्रोह का केस, CAA प्रोटेस्ट के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप

पुलिस के मुताबिक शरजील इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 जनवरी 2020 को यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया दिया। फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 24, 2022 18:19 IST
शरजील इमाम- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO शरजील इमाम

Highlights

  • तिहाड़ जेल में बंद है शरजील इमाम
  • कोर्ट ने अपने एक आदेश में स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए कही थी बड़ी बात

नयी दिल्ली: जेएनयू के छात्र और कार्यकर्ता शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलेगा। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 2019 के एक मामले में देशद्रोह के आरोप तय करने का आदेश दिया है। शरजील इमाम पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और साल 2019 में सीएए-एनआरसी विरोध के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में जामिया क्षेत्र में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, अभिकथन), धारा 13 के तहत आरोप तय किए। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, और आईपीसी की 505, जो सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित बयानों से संबंधित है।

पुलिस के अनुसार, इमाम ने 13 दिसंबर, 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 जनवरी, 2020 को यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भड़काऊ भाषण दिए। वह 28 जनवरी, 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं और फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। एक विस्तृत आदेश बाद में उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है। इससे पहले, साकेत अदालत के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने उन्हें जामिया में 13-14 दिसंबर, 2019 को हुई हिंसा से संबंधित जामिया नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज 2019 हिंसा मामले में जमानत दे दी थी।

हालांकि, उन्हें विशेष मामले में जमानत दी गई थी, लेकिन वह दंगा और गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने के अपराधों के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामलों के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में थे। उन्हें कई बार जमानत से इनकार किया गया था। 22 अक्टूबर को, साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि आग लगाने वाले भाषण के स्वर और कार्यकाल का सार्वजनिक शांति और सद्भाव पर कमजोर प्रभाव पड़ता है।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए कहा था, "हम वही हैं जो हमारे विचारों ने हमें बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार जीवित हैं, वे दूर तक जाते हैं।"

इनपुट- आईएएनएस

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement