नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 2013 के एक दंगे से जुड़े मामले में मॉडल टाउन से आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को दो अपराधों के लिए दोषी करार दिया है। कोर्ट ने एक महिला को भी अपराधी माना है। मामला त्रिपोली गेट पर विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है। आप विधायक पर एक हत्या के बाद पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं करने के खिलाफ 300 लोगों के साथ प्रदर्शन करने का आरोप था। अदालत 27 अप्रैल के आप विधायक की सजा पर दलीले सुनेगी।
स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने त्रिपाठी को गैरकानूनी रूप से भीड़ जुटाने और सार्वजनिक कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी करने से रोकने के लिए दोषी ठहराया है। त्रिपाठी के अलावा, अदालत ने इस मामले में गीता नाम की महिला को भी दोषी ठहराया। कोर्ट ने दंगा करने और पुलिस बल पर हमले के आरोप से विधायक समेत 17 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट उनकी सजा पर 27 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। इस मामले में कुल 21 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा था। अदालत ने दो लोगों को दोषी ठहराने के अलावा बाकी अन्य को बरी कर दिया।
आपको बता दें कि यह मामला सितंबर 2013 में मॉडल टाउन के पास त्रिपोली गेट पर विरोध-प्रदर्शन से जुड़ा है। उस समय करण सिंह स्थानीय विधायक थे, जिनके इलाके में एक लड़की की रेप के बाद कथित रूप से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने से नाराज पीड़िता के परिजन और अन्य स्थानीय लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन में आप कार्यकर्ता भी शामिल थे। हिंसक हो रहे प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी, जिसके बाद यह केस दर्ज किया गया। पुलिस ने 27 जनवरी 2016 में त्रिपाठी समेत 21 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।