नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 1,366 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 31,309 हो गए हैं। साथ ही पिछले 24 घंटों में 504 मरीज़ ठीक हुए हैं। अब तक कुल 11,861 मरीज़ ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 7 मरीजों की मौत हुई, जिसके चलते दिल्ली में कोरोना से कुल मौत का आंकड़ा 905 हो गया है। फिलहाल देश की राजधानी में कोरोना के एक्टिव मरीज़ों की संख्या 18,543 है। दिल्ली में रिकवरी रेट 37.88 प्रतिशत तो वहीं मृत्यु दर 2.89 फीसदी है।
इस हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक 24 घंटे में 5464 का कोरोना टेस्ट हुआ, जिनमें से 1366 पोजेटिव पाए गए। यानी 25% लोग कोरोना पोजेटिव निकले। इससे एक दिन पहले दिल्ली में सिर्फ 3699 टेस्ट हुए थे जिनमें 1007 पोजेटिव निकले थे। यानी 27.22% लोग पोजेटिव निकले थे।
बता दें कि दिल्ली में इस महामारी की स्थिति पर उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा बुलायी गयी पहली सर्वदलीय बैठक में भाजपा और कांग्रेस ने मांग की कि परीक्षण बढ़ाए जाएं जबकि सत्तारूढ़ आम आदमी पाटी (आप) ने यहां के अस्पतालों में इलाज के लिए बाहर से आने वाले मरीजों का मुद्दा उठाया।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 परीक्षण तथा प्रभावितों के लिए अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्कूल और मेट्रो सेवाएं नहीं बहाल की जाएं तथा सरकार को मॉल को खोलने देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बैठक में दावा किया कि तीन जून के बाद कोरोना वायरस के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं और यहां रोजाना बहुत कम लोगों का परीक्षण हो रहा है जो एक खतरनाक स्थिति है। उन्होंने बैठक में कहा, ‘‘दिल्ली परीक्षण के मोर्चे पर विफल रही है।’’ यह बैठक ऐसे वक्त हुई है जब एक दिन पहले ही उपराज्यपाल ने निजी और दिल्ली सरकार के अस्पतालों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने तथा केंद्र सरकार के अस्पतालों को बाहरियों के लिए छोड़ देने के फैसले को पलट दिया।